शिमला: कैबिनेट की बैठक के दौरान हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने शुक्रवार को आयकरदाताओं के लिए मुफ्त बिजली योजना को बंद करने का फैसला किया। हालांकि, घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 125 यूनिट मुफ्त बिजली सब्सिडी का मौजूदा प्रावधान अभी भी गरीबी रेखा से नीचे (BPL) और एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम (IRDP) परिवारों जैसे विशिष्ट समूहों के लिए उपलब्ध रहेगा।
शून्य बिजली बिल योजना की दक्षता और निष्पक्षता बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने कई बदलाव किए। सब्सिडी अब ‘एक परिवार एक मीटर’ नीति के तहत प्रतिबंधित है और बिजली कनेक्शन को आधार से जुड़े राशन कार्ड से जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य सब्सिडी का बेहतर उत्तरदायित्व और सुव्यवस्थित वितरण सुनिश्चित करना है। उल्लेखनीय रूप से, कैबिनेट ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों, सांसदों, विधानसभा सदस्यों, सरकारी कर्मचारियों और आयकरदाताओं सहित कई अधिकारियों और श्रेणियों के लिए मुफ्त बिजली सब्सिडी समाप्त कर दी। इसके अतिरिक्त, कैबिनेट ने कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार से प्रभावित परिवारों के लिए भूमि अधिग्रहण और मुआवजे के मुद्दे को संबोधित किया। इस निर्णय का उद्देश्य हवाई अड्डे के विकास को सुगम बनाना तथा क्षेत्र में कनेक्टिविटी को बढ़ाना है।
कैबिनेट द्वारा महत्वपूर्ण शैक्षिक सुधारों को भी मंजूरी दी गई। इनमें शारीरिक शिक्षा व्याख्याता के लिए 486 पदों का सृजन, 157 अतिरिक्त प्रिंसिपल स्कूल कैडर पदों की स्वीकृति तथा विशेष आवश्यकताओं वाले बच्चों की सहायता के लिए 245 विशेष शिक्षक पदों की स्थापना शामिल है। इसके अलावा, कैबिनेट ने विशेष रूप से हेलीपोर्ट तैनाती के लिए अग्निशमन अधिकारियों तथा पुलिस कर्मियों के लिए नए पदों को मंजूरी दी तथा 18 ग्रामीण विद्या उपासकों को जूनियर बेसिक शिक्षकों के रूप में नियमित किया।
ये निर्णय संसाधनों को सुव्यवस्थित करने, सब्सिडी वितरण दक्षता में सुधार करने तथा पूरे राज्य में बुनियादी ढांचे तथा शैक्षिक सहायता को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। आयकरदाताओं के लिए मुफ्त बिजली योजना को बंद करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लाभ सबसे अधिक जरूरतमंद तथा आर्थिक रूप से कमजोर समूहों को लक्षित किया जाए।
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