नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को बड़ा फैसला हुआ. केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान को 2025-26 तक 5,911 करोड़ रुपये आउटले की हरी झंडी दे दी है. इसमें केंद्र का हिस्सा 3,700 करोड़ और राज्य सरकारों का हिस्सा 2,211 करोड़ रुपये रहेगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बैठक में हुए फैसलों के बारे में जानकारी दी है.
अनुराग ठाकुर ने कहा है कि, अभियान के बजट में 60 फीसद की बढ़ोतरी की गई है. प्रौद्योगिकी का उपयोग कर क्षमता निर्माण बढ़ाया जाएगा. पंचायती राज संस्थाओं को और सशक्त किया जा रहा है. बीते 4 वर्षों में 1.35 करोड़ लोगों को ट्रेनिंग दी गई है. 1.65 लाख और लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि, सरकार के इस कदम से पूरे देश में पारंपरिक निकायों सहित 2.78 लाख से अधिक ग्रामीण स्थानीय निकायों को उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग पर केंद्रित करने और सतत विकास लक्ष्यों को लेकर काम करने के लिए शासन संबंधी क्षमता विकसित करने में सहायता करेगी.
यही नहीं मंत्रिमंडल ने कोयला आधारित क्षेत्र (अधिग्रहण एवं विकास) अधिनियम, 1957 के तहत अधिग्रहीत भूमि के इस्तेमाल के लिए नीति को स्वीकृति दे दी है. इस फैसले से कोयला और ऊर्जा से संबंधित बुनियादी ढांचे की स्थापना और विकास के लिए गैर-खनन योग्य भूमि का उपयोग हो सकेगा. इसके अलावा मंत्रिमंडल ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और कनाडा के मैनिटोबा सिक्योरिटीज कमीशन के बीच द्विपक्षीय समझौते को स्वीकृति दे दी है. कैबिनेट ने विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्र में भारत और जापान के बीच एक सहयोग ज्ञापन पर दस्तखत को स्वीकृति दी है.
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