रांची: झारखण्ड में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक अहम् जानकारी मिली है, धनबाद में 20 मार्च को गिरफ्तार 25 लाख के इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य राजेश संथाल उर्फ सोनुवा उर्फ टुडू उर्फ प्रभाकर उर्फ हरीश से पूछताछ के दौरान पुलिस ने एक महत्वपूर्ण जानकारी उगलवाई है. उसने झारखण्ड के सारंडा में सक्रीय नक्सलियों के सरगना के बारे में भी सच उगला है.
इसके साथ ही उसने बताया है कि एक करोड़ के इनामी प्रशांत दा के साथ छत्तीसगढ़ का एक एमबीबीएस डॉक्टर रफीक रहता है, जो मुठभेड़ में घायल हुए नक्सलियों का इलाज करता है. उसने संगठन के मुख्य नक्सली जीवन कंडुलना, सुरेश सिंह मुंडा, टीपू, महाराज प्रमाणिक को भी चिकित्सा करने के लिए प्रशिक्षित कर दिया है, अब वो भी बीमार नक्सलियों का इलाज करते हैं. राजेश संथाल ने बताया है कि सारंडा में सक्रिय एक करोड़ के इनामी पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा, अनल दा, संदीप, चंचल आदि साहूकारों व बाहरी लोगों से प्रताड़ित होने के बाद ही माओवादियों से जुड़े.
उसने जानकारी दी कि माओवादियों के संगठन में मोबाइल प्रयोग पर रोक लगी हुई है, वे लोग कुरियर द्वारा संदेशों का अदन-प्रदान करते हैं. राजेश ने नक्सलियों के 'लेवी कानून[' के बारे में भी जानकारी दी. उसने कहा कि 5 लाख से निचे लेवी नहीं ली जाती है इसके साथ ही स्कूल कॉलेज से भी लेवी नहीं ली जाती है. पहले वसूली गई लेवी राशि से 10 फीसद जोनल कमेटी को, शेष राशि में 15 फीसद रखकर शेष राशि सैक को दी जाती है, उसी तरह सैक भी 25 फीसद राशि रखकर सेंट्रल कमेटी को दिया जाता है.
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