नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एक बड़े ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है और इसके सरगना लोकेश ढींगरा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसे एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया। यह सिंडिकेट डार्क वेब, इंटरनेट कॉलिंग ऐप्स और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए अपना कारोबार चला रहा था। पुलिस ने सिंडिकेट के कब्जे से ₹1.5 करोड़ की अवैध संपत्ति और ₹1.5 करोड़ की हाइड्रोपोनिक वीड भी जब्त की है।
18 अक्टूबर को पुलिस को इस सिंडिकेट की अवैध गतिविधियों के बारे में गुप्त सूचना मिली थी, जिसमें लोकेश ढींगरा उर्फ लोकी के नेतृत्व में एक अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट के संचालन का पता चला। सिंडिकेट डार्क वेब का उपयोग कर अमेरिकी गांजे का आयात कर रहा था और अपनी पहचान छिपाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल कर रहा था। एक करोड़ रुपये की कीमत वाली 1.5 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड का एक पार्सल आरके पुरम डाकघर में रोका गया, जिसके बाद एनडीपीएस एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
जांच में पता चला कि विदेशी डाकघर में ट्रांजिट में दो करोड़ रुपये के अतिरिक्त पार्सल का भी पता चला, जिसे सिंडिकेट के प्रमुख लोकेश ढींगरा और उसके सहयोगियों विवेक उर्फ मुकुल और मनशेर सिंह से बरामद किया गया। विवेक, जो थाईलैंड भाग गया था, नवंबर 2023 में भारत लौटने पर गिरफ्तार किया गया। लोकेश और मनशेर महीनों तक गिरफ्तारी से बचते रहे, लेकिन अंततः उन्हें गुरुग्राम के मेदावास इलाके में एक फ्लैट से पकड़ा गया, जहां उन्हें शरण देने के आरोप में फ्लैट की मालिक प्रीति चावला भी गिरफ्तार हुईं।
इस सिंडिकेट के सदस्य फ्रॉड सिम कार्ड और डिस्पोजेबल फोन का उपयोग करके एक स्थान से दूसरे स्थान पर संपर्क करते थे। इसके अलावा, उन्होंने टेलीग्राम और फेसटाइम जैसे प्राइवेसी इंटरनेट कॉलिंग ऐप्स, बिटकॉइन और मोनेरो जैसी क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से भुगतान किया। सिंडिकेट ने तीन महीने के अंदर करीब 48 किलो गांजा आयात किया था, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 20 से 25 करोड़ रुपये के बीच थी। पुलिस के मुताबिक, सिंडिकेट का सरगना लोकेश ढींगरा पहले भी कई ड्रग ट्रैफिकिंग मामलों में शामिल रहा है।
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