बॉलीवुड फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता शाहिद कपूर की शादी 2015 में मीरा राजपूत से हुई थी, जो फिल्म इंडस्ट्री से बाहर एक सामान्य परिवार से आती हैं। उस वक़्त मीरा महज 20 साल की थीं, और शाहिद से उनकी उम्र में 14 साल का अंतर था। इस शादी को लेकर शाहिद ने बताया कि शादी के बाद, उन्हें लगता था कि उन्हें मीरा को फिल्म इंडस्ट्री और ग्लैमर की दुनिया से बचाने की जिम्मेदारी उठानी होगी, क्योंकि मीरा का इस दुनिया से कोई खास ताल्लुक नहीं था तथा उन्हें इस दुनिया की जटिलताओं को समझने में मुश्किल हो सकती थी। शाहिद ने फे डिसूजा से इस विषय पर खुलकर बातचीत की, जिसमें उन्होंने अपनी शुरुआती सोच और बाद में बदली हुई मानसिकता को साझा किया।
शाहिद ने कहा, "जब हमारी शादी हुई, तो मैंने सोचा था कि मुझे मीरा की सुरक्षा करनी होगी। वह सिर्फ 20 साल की एक लड़की हैं, जो दिल्ली से आई हैं तथा यह फिल्म इंडस्ट्री बहुत कठोर और ग्लैमरस है, जहां हर कोई एक-दूसरे को जज करता है। मुझे लगता था कि मीरा को इन सब चीजों का सामना करना पड़ सकता है, तथा इसलिए मैं उसे इस दुनिया से बचाना चाहता था।" हालांकि, शाहिद को जल्दी ही यह एहसास हुआ कि उनकी सोच पूरी तरह से गलत थी। उन्हें समझ में आया कि मीरा एक बेहद मजबूत, आत्मनिर्भर और सशक्त महिला हैं, जो एक अच्छे परिवार से आती हैं तथा जिनकी अपनी पहचान है।
शाहिद ने मीरा की प्रशंसा करते हुए कहा, "वह बहुत आत्मविश्वासी और इंटेलिजेंट हैं। मीरा की सोच और समझ बहुत मजबूत है, और यह सिर्फ उनके परिवार का असर नहीं बल्कि उनकी अपनी व्यक्तिगत ताकत है।" शाहिद ने यह भी बताया कि मीरा में एक ऐसी जिद है, जो उन्हें अपनी रक्षा करने और दुनिया से जूझने में मदद करती है। उन्होंने कहा, "वह बहुत जिद्दी हैं तथा मुझे लगता है कि आपको जिद्दी होना चाहिए, क्योंकि इसी प्रकार आप खुद को प्रोटेक्ट कर पाते हैं। वह बेहद समझदार हैं और अपनी बातों को लेकर बहुत स्पष्ट हैं।" शाहिद ने इस बारे में भी चर्चा की कि कैसे मीरा ने फिल्म इंडस्ट्री की सामाजिक सेटिंग्स को जल्दी से समझ लिया।
उन्होंने बताया कि मीरा ने जल्दी ही यह समझ लिया कि शाहिद एक एक्टर हैं और इस दुनिया में उनका क्या स्थान है। मगर उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण यह था कि मीरा ने खुद को इन सामाजिक सेटिंग्स में बहुत सहज महसूस करना शुरू कर दिया। शाहिद ने कहा, "मीरा उन पार्टियों में बहुत आराम से घुल-मिल गईं, जिनमें मैं सालों से जाता रहा हूं। और इससे पहले कि मैं वहां सहज महसूस कर पाता, मीरा पहले ही पूरी तरह से सहज हो चुकी थीं।" शाहिद का मानना है कि मीरा ने उन्हें यह सिखाया कि किसी भी माहौल में खुद को सहज बनाना तथा किसी भी चुनौती का सामना करना कितना महत्वपूर्ण है।