जयपुर: राजस्थान के अलवर जिले के राजकीय महिला चिकित्सालय में डॉक्टर ओर नर्सिंग स्टाफ की बड़ी लापरवाही का केस सुनने को मिला है. यहां स्टाफ ने नवजात शिशु को मृत घोषित कर परिजनों के हाथ में दे दिया. लेकिन रास्ते में बच्चे में हरकत देखकर परिजन उसे दूसरे हॉस्पिटल ले गए तो वहां डॉक्टरों ने शिशु को जिंदा कहा है. इस घटना के उपरांत परिजन वापस राजकीय महिला चिकित्सालय आये और केस की शिकायत की. घटना की जानकारी मिलते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कंप बढ़ता जा रहा है. आनन-फानन में इस केस की कार्रवाई की जांच कराई गई. जांच में पता चला कि यहां के स्टाफ ने ही बच्ची को मृत बता दिया गया.
इस संबंध में नाहर कला रामगढ़ निवासी रवि कुमार ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को ज्ञापन देकर इस केस में लापरवाह नर्सिंग स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई का अनुरोध किया है. ज्ञापन में रवि कुमार ने कहा है कि 15 जून को महिला हॉस्पिटल में उसकी गर्भवती पत्नी को भर्ती किया गया था. उसकी तबीयत खराब होने पर यहां के डॉक्टरों ने इमरजेंसी में डिलीवरी करवाई. लेकिन अस्पताल के टिकट पर बच्ची को मृत घोषित दिखाया गया.
जंहा इस बीच जब बच्चे के रोने की आवाज आई तो स्थानीय स्टाफ को कहा गया, लेकिन उन्होंने इसे अनसुना कर दिया. जिसके उपरांत परिजन बच्ची को निजी सिटी हॉस्पिटल लेकर गए, जहां बच्ची पूर्ण रूप से स्वस्थ कहा गया है. अब परिजनों ने इस केस में राजकीय महिला चिकित्सालय स्टाफ के विरुद्ध कार्रवाई का अनुरोध किया जा रहा है. वहीं चिकित्सालय के डॉ टेकचंद ने कहा कि मामला मेरे संज्ञान में आया है. इसकी जांच की जा रही है कि इतनी बड़ी लापरवाही कैसे हुई?
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