रांची : कांग्रेस को मंत्रिमंडल में विभागों के बंटवारे में अच्छा विभाग मिला हैं तो यह कयास लगाए जा रहे हैं. कांग्रेस पार्टी चुनावी वादों को पूरा करने में जुट गई है. उनका पहला उददेश्य कृषि ऋण माफी की घोषणा पर हैं. और अब इस मामले में कोई कठिनाई भी सामने आते नहीं दिख रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इसके पक्ष में दिख रहे हैं. कैबिनेट में जल्द ही यह प्रस्ताव लाया जाएगा.
इस प्रस्ताव में कृषि विभाग का होगा और इसके मंत्री भी कांग्रेस पार्टी के ही हैं और पैसे का इंतजाम करने के लिए वित्त विभाग भी कांग्रेस के कोटी में है. कांग्रेस संगठन इस बात के लिए हमेशा से ही संवेदनशील रहा हैं और अब ये कयास लगाए जा रहे हैं जैसे छत्तीसगढ़ में किसानों को लाभ पहुंचाया गया. उसी प्रकार झारखंड में भी वही मॉडल दिखाकर वोट मांगे गए थे. अब कांग्रेस पार्टी किसानों को किए गए वादे पूरे करने में जुट गई हैं.
सुखाड़ के मद में केंद्र से मिलने वाली राशि की सम्भावना पूर्ण रूप से क्षीण हो चुकी हैं और इसकी वजह अधिक समय लगने को माना जा रहा हैं और अब झारखण्ड में विधानसभा चुनाव के कारण खरीफ फसल के सुखाड़ की जानकारी बहुत ही देर से राज्य सरकार के स्तर से भारत सरकार को भेजी गई थी. जिसमे 10 जिलों में सुखाड़ की पुष्टि की गई थी जिसमे बोकारो, चतरा, देवघर, गढ़वा, गिरिडीह, गोड्डा, हजारीबाग, जामताड़ा, कोडरमा और पाकुड़ ये सभी शामिल हैं.
इसकी जानकारी राज्य सरकार को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के पश्चात् केंद्र सरकार को विस्तृत प्रस्ताव भेजना था. परन्तु विधान सभा चुनाव के कारण बैठक ही नहीं की गई. कयास लगाए जा रहे हैं कि अब आने वाली कैबिनेट में इस प्रस्ताव को लाया जायेगा फिर इससे भारत सरकार को भेजा जायेगा प्रस्ताव को लाने के लिए पहले स्थल निरीक्षण की जाता हैं इसके लिए टीम उन स्थान का निरिक्षण करती हैं और एक रिपोर्ट बनती हैं लेकिन बड़ा सवाल ये हैं कि रबी फसल की बुआई की प्रक्रिया भी तकरीबन पूरी हो चुकी हैं तो ऐसे में केंद्रीय टीम किस आधार पर स्थल भ्रमण कर अपनी रिपोर्ट देगी?