इंडोनेशियाई तट रक्षक (ICG) ने माले जा रहे एक चीनी अनुसंधान जहाज को रोका क्योंकि उसने अपनी ऑटोमेटिक इंफोर्मेशन सिस्टम को बंद किया गया था. यह सूचना मालदीव स्थित अधाधू के द्वारा मिली. इंडोनेशियाई अथॉरिटी का ये कदम उस समय उठाया जब देश के जल क्षेत्र से यात्रा करते वक़्त जहाज ने 8 से 12 जनवरी के मध्य तीन बार ट्रांसपोंडर बंद किया गया. इंडोनेशिया ने चीन की सारी हेकड़ी निकाल डाली. दरअसल, दक्षिण चीन सागर में चीन के साथ इंडोनेशिया का विवाद काफी समय से चर्चा में बना हुआ है. दोनों देशों का टकराव बना रहता है, लेकिन इंडोनेशिया सीधे तौर पर चीन से टक्कर लेने से बचता हुआ दिखाई दिया है.
अब ख़बरें है कि अमेरिका के नेवल इंस्टीट्यूट का इस बारें में बोलना है कि चीन के सरकारी जहाज “शियांग यांग होंग 03” को ICG ने 11 जनवरी को सुंडा स्ट्रेट एरिया में रोका गया था. हालांकि जहाज पर मौजूद चालक दल ने ट्रांसपोंडर को बंद करने से मना किया और दावा किया कि वह टूट गया था.
जहाजों में काम करने वाले ट्रांसपोंडर होते हैं जरूरी: इतना ही नहीं ऑटोमेटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम ट्रांसपोंडर को अन्य जहाजों और तटीय अधिकारियों को जहाज के बारे में जानकारी, पहचान और अन्य जानकारी ऑटोमेटिकली प्रदान करने का काम करता है. इसके लिए ही इसे बनाया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, इंडोनेशियाई तट रक्षक बलों ने चीनी जहाज पर चढ़ने का कोशिश नहीं की, बल्कि उसे देश के विशेष आर्थिक इलाके को छोड़ने के लिए बोल दिया. अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून के मुताबिक, इंडोनेशियाई जल में द्वीपसमूह समुद्री मार्गों पर यात्रा करने वाले सभी जहाजों में काम करने वाले ट्रांसपोंडर होने जरूरी हैं.
अधाधू ने इस बारें में जानकारी दी है कि समुद्री ट्रैफिक यानी जहाजों की आवाजाही पर निगाह रखने वाली साइटों ने 22 जनवरी को जावा सागर में इस जहाज की लोकेशन नजर आ रही थी, लेकिन मौजूदा लोकेशन पता नहीं लग सकी थी. इस माह की शुरुआत में, सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) ने एक पेपर पब्लिश किया था जिसकी हेडलाइन “हिंद महासागर में चीन के दोहरे इस्तेमाल वाले अनुसंधान संचालन” थी.
भारत ने मालदीव के दावे पर उठाए सवाल: वहीं, मालदीव के विदेश मंत्रालय ने दावा किया चीनी जहाज मालदीव के इलाके में रिसर्च नहीं करने वाला है. हालांकि, भारत के भू-रणनीतिज्ञ ब्रह्मा चेलानी ने बोला है कि माले का यह दावा कि जहाज कोई रिसर्च नहीं करेगा ये बोलना हास्यास्पद है क्योंकि मालदीव के पास ऐसी गतिविधि की जानकारी प्राप्त करने की शून्य क्षमता है. चीन निरंतर इंडिया के समुद्री क्षेत्र में पनडुब्बी संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए आक्रामक रूप से हिंद महासागर के तल का मानचित्रण करने और भूकंपीय और बाथिमेट्रिक डेटा एकत्र करने का काम कर रहा है. दरअसल, मालदीव के नए राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज्जू का झुकाव चीन की तरफ है और वे खुलकर उसका समर्थन करते हुए बताए जा रहे है. इंडोनेशिया की कार्रवाई से चीन को झटका जरूर लगा है.
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