सरकार निरंतर बढ़ रही दुर्घटनाओं पर रोक लगाने के लिए निरन्तर कोशिश कर रही है , इसी के चलते ब्रेक, सेंसर, एयरबैग्स जैसे कई नियम बनाने के बाद अब सरकार व्हीकल को सेफ बनाने के लिए टायर से जुड़े नियमों में भी बड़ा परिवर्तन कर दिया गया है, तो चलिए जाने है इसके बारें में....
अब इस दिशा में कदम उठाते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक और अहम् फैसला किया गया है। टायरों के डिजाइन पर नए नियम 1 अक्टूबर, 2022 से लागू होने वाले है। दरअसल, गाड़ी के टायरों के डिजाइन में बदलाव को मंजूरी भी दी जा चुकी है। जिसे 1 अक्टूबर से नए डिजाइन के अनुसार बनाया जाने वाला है। आने वाले वर्ष 1 अप्रैल से गाड़ियों की बिक्री नए टायरों के साथ ही की जा सकती है। नए स्टैंडर्ड C1, C2, और C3 कैटेगरी के टायर्स पर लागू किए जाने वाले है। टायर के डिजाइन के नए नियमों के अंतर्गत C1, C2, और C3 कैटेगरी के टायर्स के लिए AIS-142:2019 स्टेज 2 अनिवार्य है।
टायर्स के स्टार रेटिंग सिस्टम: सड़क के बेहतर वेट ग्रिप, गीली सड़क पर पकड़ और तेज स्पीड पर कंट्रोल को ध्यान में रखते हुए सुरक्षित बनाने वाले है। इससे ग्राहक जान पाएंगे हैं कि खरीदते वक़्त टायर कितना सुरक्षित रहता है। जिसके साथ साथ परिवहन मंत्रालय और भारी उद्योग मंत्रालय भी जल्द ही टायरों के लिए स्टार रेटिंग को शुरू करने वाले है। किसी भी टायर की रेटिंग ग्राहक को खरीदते समय सुरक्षा का भी एहसास करवाने वाली है।
कैटेगरी C1, C2 और C3: 3 कैटेगरी C1, C2 और C3 टायर्स को तैयार करने के लिए बनाई जा रही है। पैसेंजर कार के टायर की कैटेगरी C1 कही जा रही है। C2 का मतलब छोटे कमर्शियल व्हीकल और C3 यानी हैवी कमर्शियल व्हीकल के टायर की कैटेगरी भी देखने के लिए मिल रही है। अब से इन सभी कैटेगरी के टायर्स पर ऑटोमोटिव इंडियन स्टैंडर्ड (AIS) के दूसरे स्टेज के कुछ नियम और पैरामीटर्स अनिवार्य रूप से लागू किए जाने वाले है। इन पैरामीटर्स में रोलिंग रेजिस्टेंस, वेट ग्रिप और रोलिंग साउंड एमिशन्स जैसी बातों का ध्यान रखा जाने वाला है। ऑटोमोटिव इंडियन स्टैंडर्ड (AIS) के अनुसार, व्हीकल के टायर्स की क्वालिटी और डिजाइन अब एआईएस-142:2019 के अनुसार होने वाली है।
अब कम होंगे सड़क हादसे!, मंत्रालय ने जारी किया नया नियम