नई दिल्ली: गांधीनगर की निचली अदालत से 2013 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए आसाराम को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दी है। आसाराम 2013 से जेल में बंद थे, और अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 31 मार्च तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। हालांकि, कोर्ट ने जमानत देते समय कुछ शर्तें भी लगाई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जमानत के दौरान आसाराम को किसी भी प्रकार के सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी होगी। इसके अलावा, उन्हें अपने अनुयायियों से मुलाकात करने की अनुमति नहीं होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि जमानत केवल मेडिकल आधार पर दी गई है और इसके अलावा किसी अन्य आधार पर राहत नहीं दी जाएगी। आसाराम के वकील कई बार जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर चुके थे, लेकिन कोर्ट ने हमेशा मेडिकल आधार पर ही विचार करने का फैसला लिया था। पहले कोर्ट ने उनकी सजा निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी थी।
गांधीनगर की निचली अदालत से 2013 के बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा पाए आसाराम को सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत दी है। आसाराम 2013 से जेल में बंद थे, और अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 31 मार्च तक के लिए अंतरिम जमानत दी है। हालांकि, कोर्ट ने जमानत देते समय कुछ शर्तें भी लगाई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जमानत के दौरान आसाराम को किसी भी प्रकार के सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी होगी। इसके अलावा, उन्हें अपने अनुयायियों से मुलाकात करने की अनुमति नहीं होगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि जमानत केवल मेडिकल आधार पर दी गई है और इसके अलावा किसी अन्य आधार पर राहत नहीं दी जाएगी। आसाराम के वकील कई बार जमानत के लिए अर्जी दाखिल कर चुके थे, लेकिन कोर्ट ने हमेशा मेडिकल आधार पर ही विचार करने का फैसला लिया था। पहले कोर्ट ने उनकी सजा निलंबित करने की याचिका खारिज कर दी थी।
यह मामला अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में 2013 में दर्ज हुआ था, और इसके बाद आसाराम को सजा सुनाई गई थी। वहीं, पीड़िता की बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साईं के खिलाफ भी बलात्कार का मामला दर्ज कराया था, और नारायण साईं को अप्रैल 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल नारायण साईं भी जेल में बंद हैं।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आसाराम के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, हालांकि कोर्ट ने जमानत देने के दौरान उसकी शर्तों को लेकर कड़ा संदेश भी दिया है। यह मामला अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में 2013 में दर्ज हुआ था, और इसके बाद आसाराम को सजा सुनाई गई थी। वहीं, पीड़िता की बहन ने आसाराम के बेटे नारायण साईं के खिलाफ भी बलात्कार का मामला दर्ज कराया था, और नारायण साईं को अप्रैल 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल नारायण साईं भी जेल में बंद हैं।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला आसाराम के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, हालांकि कोर्ट ने जमानत देने के दौरान उसकी शर्तों को लेकर कड़ा संदेश भी दिया है।