नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व प्रमुख और भाजपा सांसद बृज भूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान अदालत में दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट का विरोध नहीं किया। यानी, इस तरह ये मामला ख़त्म हो गया। इससे पहले, दिल्ली की पटियाला कोर्ट ने नाबालिग शिकायतकर्ता और उसके पिता को 15 जून को दिल्ली पुलिस द्वारा दायर रद्दीकरण रिपोर्ट पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा था।
लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि मामले में उनके बयान दर्ज करने के बाद, अदालत ने मामले को रद्द करने की मांग करने वाली पुलिस रिपोर्ट को स्वीकार करना है या नहीं, इस पर अपना आदेश 6 सितंबर के लिए सुरक्षित रख लिया। लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि मामले में उनके बयान दर्ज करने के बाद, अदालत ने मामले को रद्द करने की मांग करने वाली पुलिस रिपोर्ट को स्वीकार करना है या नहीं, इस पर अपना आदेश 6 सितंबर के लिए सुरक्षित रख लिया।
दिल्ली पुलिस ने 15 जून को अदालत के समक्ष एक रिपोर्ट दायर कर नाबालिग पहलवान द्वारा मामला रद्द करने की मांग की थी। नाबालिग पहलवान उन सात महिला पहलवानों में शामिल थी, जिन्होंने सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। इसके अलावा, एमपी/एमएलए कोर्ट के राउज एवेन्यू कोर्ट में कई पहलवानों की शिकायत पर सिंह के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज की गई थी। डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण सिंह पर एक नाबालिग सहित सात महिला पहलवानों ने डराने-धमकाने और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। यौन उत्पीड़न मामले में 15 जून को सिंह के खिलाफ दिल्ली कोर्ट द्वारा आरोप पत्र धारा 354 (महिला की शील भंग करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और 506 (आपराधिक) के तहत दायर किया गया था। भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धमकी)।
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में आईपीसी की धारा 109, 354, 354ए और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत अपराध के लिए डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर का भी नाम लिया है। इस बीच, साक्षी मलिक, विनेश फोगट, बजरंग पुनिया और अन्य सहित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले कई पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोपों पर डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया।
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