नई दिल्ली: बुधवार (30 अगस्त) को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी लोकसभा की विशेषाधिकार समिति के सामने पेश हुए। विशेषाधिकार समिति ने संसद से अधीर रंजन के निलंबन को रद्द करने के लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव को पारित किया। समिति के सामने पेश होने के पश्चात् अधीर रंजन ने लोकसभा में की गई अपनी टिप्पणियों को लेकर खेद व्यक्त किया, तत्पश्चात, समिति ने निलंबन रद्द करने का प्रस्ताव पारित किया। चौधरी को मानसून सत्र के अंतिम दिन 11 अगस्त को संसद से निलंबित कर दिया गया था।
अधीर रंजन ने भाजपा सांसद भाजपा सांसद सुनील कुमार सिंह की अध्यक्षता वाली समिति से कहा कि उनकी किसी की भी भावनाओं को ठेस पहुंचाना उनका इरादा कभी नहीं था। विशेषाधिकार समिति के एक सदस्य ने कहा, "समिति ने लोकसभा से अधीर रंजन चौधरी के निलंबन को केंसल करने के लिए एक प्रस्ताव पारित है। यह प्रस्ताव शीघ्र से शीघ्र लोकसभा अध्यक्ष को भेजा जाएगा।"
मानसून सत्र के चलते केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अधीर रंजन के संसद में बुरे बर्ताव का हवाला देकर उनके निलंबन की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पेश किया था। दरअसल, अधीर रंजन चौधरी पर आरोप लगाया गया था कि मानसून सत्र के चलते जब पीएम नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय मंत्री संसद को संबोधित कर रहे थे तो उन्होंने बुरा आचरण किया था। केंद्र सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के नामंजूर होते ही सरकार ने अधीर रंजन चौधरी के खिलाफ निलंबन का प्रस्ताव पेश किया था, जो निचले सदन में ध्वनि मत से पारित हो गया था।
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