देश में एक तरफ गरीब जनता भुखमरी से परेशान है वहीं दूसरी ओर देश के पूंजीपतियों द्वारा लगातार घोटाले के रूप में देश का पैसा विदेश पहुंचाया जा रहा है. हाल ही में हुए पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के बाद अब इस लिस्ट में एक ओर नाम जुड़ता दिखाई दे रहा है. पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11 हजार करोड़ रुपये के स्कैम के बाद अब सरकारी बैंकों से करोड़ों रुपये के घोटाले का एक और मामला सामने आया है. रोटोमैक पेन बनाने वाली कंपनी पर अलग-अलग सरकारी बैंकों से 800 करोड़ रुपये से अधिक का लोन लेकर भागने का आरोप है.
मामले के सामने आने के बाद रोटोमैक पेन के मालिक का कानपूर से बयान सामने आया है. जिसमें उन्होंने कहा है कि, उन्होंने बैंक से लोन जरूर लिया है, लेकिन लोन चुकता नहीं करने की बात गलत है. उन्होंने कहा कि उनका बैंक का एनसीएलटी के अंदर केस चल रहा है. विवाद का निष्कर्ष निकल आएगा. वहीं देश छोड़कर भागने के सवाल पर उन्होंने कहा, 'मैं कानपुर का रहने वाला हूं. कानपुर में ही रहूंगा. भारत से बेहतर देश कोई नहीं है.'
सूत्रों के मुताबिक, कानपुर स्थित रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी ने 5 सरकारी बैंकों से 800 करोड़ रुपये से ज्यादा का लोन लिया था. बताया जा रहा है कि इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नियम-कानून को ताक पर रखकर विक्रम कोठारी को इतना बड़ा लोन दिया. कानपुर के माल रोड के सिटी सेंटर में रोटोमैक कंपनी के ऑफिस पर पिछले कई दिनों ने ताला बंद है. विक्रम कोठारी का भी कोई अता-पता नहीं है. वो लापता बताया जा रहा है. इलाहाबाद बैंक के मैनेजर राजेश गुप्ता ने फरार विक्रम कोठारी की संपत्तियों को बेचकर पैसे वापस रिकवर होने की उम्मीद जताई है.
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