डोडोमा: दुनियाभर में पिछले कई दिनों से लगातार बढ़ती जा रही कोरोना वायरस की समस्या से आज के समय में हर कोई परेशान है वहीं इस वायरस के बढ़ते प्रकोप और महामारी की चपेट में आने से आज न जाने ऐसे कितने लोग है जिनकी जाने जा चुकी है, इतना ही नहीं इस वायरस की चपेट में आने कर रोज लाखों की तादाद में लोग संक्रमित हो रहे है, वहीं कोरोना वायरस से दुनियाभर में मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण आज पूरा मानवीय पहलू तबाही की छोर पर आ खड़ा हुआ है. आज इस वायरस की चपेट में आने से 3 लाख 40 हजार से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. और अब भी इस बात को खुलकर नहीं कहा जा सकता है कि इस वायरस से कब तक निजात मिल पाएगा और हालात ने कब सुधार होगा. वहीं पूर्वी अफ्रीकी देश तंजानिया में ऐसा ही मामला सामने आया है. इस महीने की शुरुआत में एक दिन में 50 तंजानियाई ट्रक ड्राइवर कोविड-19 से संक्रमित पाए गए. इन सभी ड्राइवरों ने पड़ोसी देश केन्या की यात्रा की थी. दूसरी तरफ, देश के राष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि तंजानिया ने प्रार्थनाओं के जरिए वायरस पर जीत हासिल कर ली है.
राष्ट्रपति जॉन मागुफुली उन सभी लोगों को हिरासत में ले रहे हैं, जो लोग वायरस से लड़ने में देश की क्षमता पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. सरकार की आलोचना करने वालों को गिरफ्तार किया जा रहा है और विपक्षी नेताओं और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन टैप किए जा रहे है. पिछले तीन सप्ताह से तंजानिया में वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में कोई बदलाव नहीं आया है. अंतरराष्ट्रीय समुदाय के मन में यह डर बैठा जा रहा है कि कहीं तंजानिया की सरकार महामारी के बारे में जानकारी छिपाने में तो नहीं लगी हुई है. छह करोड़ की आबादी वाले इस पूर्वी अफ्रीकी देश में अब तक 500 के करीब लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में आए हैं. जबकि दुनियाभर के देशों में इस महामारी का प्रकोप विकराल है.
कोरोना वायरस को लेकर तंजानिया बहुत ही नाटकीय रूप से एक अपवाद बना हुआ है. यह देश एक ऐसे राष्ट्रपति द्वारा चलाया जा रहा है, जो सवाल पूछने या आलोचना करने पर खुद के ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों पर सवाल खड़े कर देता है. साथ ही देश में लोगों की आवाजाही पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है, मागुफुली का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था उनकी पहली प्राथमिकता है.
मानवाधिकार कार्यकर्ता और तंगानयिका लॉ सोसाएटी की पूर्व अध्यक्ष फातमा कारुमे ने कहा कि अधिकारी लोगों पर काबू पाने से बचने के लिए उनको अस्पतालों में जाने से मना कर रहे हैं. इसके अलावा वे वायरस के बारे में लोगों को पर्याप्त मार्गदर्शन नहीं दे रहे हैं.
राष्ट्रपति ने देश में चर्च, मस्जिद और उन सभी भारी भीड़ जुटने वाली जगहों, जैसे की पब्स और रेस्तरां को बंद करने से इनकार कर दिया है. उन्होंने राष्ट्रीय प्रयोगशाला द्वारा किए जा रहे जांच पर सवाल उठाए हैं. राष्ट्रपति ने प्रयोगशाला के प्रमुख को निलंबित कर दिया और उप स्वास्थ्य मंत्री को निकाल दिया.
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