नई दिल्ली: पीएम मोदी ने शुक्रवार प्रातः तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है। जिसके उपरांत से आंदोलनरत किसानों के साथ साथ आंदोलन का समर्थन कर रही जनता में उत्साह देखने को मिली है। पंजाब से शुरू हुए आंदोलन को वेस्ट उत्तर प्रदेश के किसानों ने मुकाम तक पंहुचा दिया है। पंजाब के किसानों ने कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन को शुरू किया गया था, हरियाणा व वेस्ट उत्तरप्रदेश का साथ मिला था। 26 जनवरी को आंदोलन सम्पत होने की कगार पर पहुंचा तो, वेस्ट उत्तरप्रदेश के किसानों ने दोबारा खड़ा करके कानून वापसी की मंजिल तक पहुंचाया। राकेश टिकैत के आसुओं ने इस आंदोलन को और भी ज्यादा मजबूती दे दी। वहीं, पंजाब व हरियाणा के किसान नेता खुद भी वेस्ट यूपी के किसान नेताओं व किसानों को आंदोलन की अहम कड़ी मान रहे हैं।
यह किसान की जीत है: कृषि कानून वापसी को लेकर जयंत चौधरी ने ट्वीट करते हुए बोला है कि यह कृषक की जीत है, हम सब की जीत है। देश की जीत है।
देश के अन्नदाता की जीत हुई : मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मेरठ से कांग्रेस जिलाध्यक्ष अवनीश काजला ने बोला है कि प्रियंका गांधी और समस्त कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किसानों के बीच रहकर संघर्ष करना शुरू कर दिया। बीते एक वर्ष में कांग्रेस हर मुद्दे पर सबसे आगे थी। देश के अन्नदाता की जीत हुई है।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अभिमन्यु त्यागी ने बोला है कि चुनाव सिर पर हैं, तीन काले कृषि कानून वापस हुए हैं। यह जीत देश के 135 करोड़ नागरिकों की और किसान, मजदूर को जीत हासिल हुई है।
कभी कृषि कानूनों पर 'भाजपा' से तोड़ा था नाता, अब PM के ऐलान पर बादल ने कही ये बात
'चुनाव बाद ये लोग फिर बिल ले आएँगे, सतर्क रहें..', पीएम मोदी के ऐलान पर अखिलेश को भरोसा नहीं
सिंधिया के बेटे महाआर्यमन ने पहना सियासी कुर्ता, तलवार से काटा केक, वीडियो वायरल