गुवाहाटी: असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने बताया कि राज्य के कुल 42 बच्चों को सिक्किम में मुक्त कराकर शुक्रवार को वापस प्रदेश में लाया गया। सरमा ने यहां संवाददाताओं को कहा कि इन बच्चों के माता-पिता भारत-भूटान सीमा पर चिरांग जिले के चार गांवों के रहवासी हैं तथा दो लोगों ने उन्हें बहलाकर आश्वासन दिया था कि इन बच्चों की पढ़ाई-लिखाई का ख्याल रखा जाएगा मगर उनसे घरेलू सहायकों का कार्य लिया जा रहा था।
वही अफसरों ने बताया कि दो अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है तथा पूछताछ के चलते उनमें से एक ने दावा किया कि पिछले दो वर्ष में वह प्रदेश से बाहर 80 बच्चों को ले जा चुके हैं तथा उनमें से कुछ को दुबई भेज दिया गया। बोडोलैंड प्रांतीय परिषद के मुख्य प्रमोद बोडो एवं स्पेशल डीजीपी एल आर बिश्नोई के निर्देशन में चिरांग पुलिस ने बच्चों की वापसी के लिये यह अभियान आरम्भ किया था जबकि सिक्किम पुलिस ने इसमें जरुरी सहायता तथा मदद उपलब्ध कराई।
इसके साथ ही 9 से 18 वर्ष के आयु वर्ग के ज्यादातर बच्चे आदिवासी एवं बंगाली हैं, जबकि कुछ कोच राजबोंग्शी एवं बोडो समुदायों के हैं। सरमा ने बताया, ‘हम उन अन्य बच्चों का भी पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं जिनकी तस्करी की गई थी, तथा इस प्रकार का ऑपरेशन जारी रहेगा। तस्करी चिंता का विषय है तथा हमें इससे छुटकारा पाने के लिए प्रदेश की नीति की जरुरत होगी।’ उन्होंने बताया, ‘प्रदेश सरकार असम से मानव तस्करी की बुराइयों को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, तथा ऐसे नेटवर्क का पर्दाफाश करने और अपराध में सम्मिलित व्यक्तियों से कठोरता से निपटने के लिए और अधिक अभियान आरम्भ किए जाएंगे।’
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