नई दिल्ली: पूरे देश में अब 2 दिन पश्चात् गोल्ड हॉल मार्किंग (Gold Hall Marking) अनिवार्य हो जाएगी। लगभग 2 वर्षों तक ज्वेलर्स को हॉल मार्किंग की बाध्यता से राहत देने के पश्चात् केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल से गोल्ड ज्वेलरी पर हॉल मार्किंग को हर हाल में बाध्यकारी बनाने का मन बना लिया है। सरकार इस बार हॉल मार्किंग की समय सीमा में और विस्तार देने के मूड में नहीं है।
कहा जा रहा है कि हॉल मार्किंग की बाध्यता लागू होने के पश्चात् गोल्ड ज्वेलरी एवं गोल्ड ऑर्नामेंट्स के कारोबार में उपभोक्ताओं के साथ धोखाधड़ी की संभावना समाप्त हो जाएगी। गोल्ड ज्वेलरी और गोल्ड ऑर्नामेंट्स की बिक्री के लिए 2019 से ही हॉल मार्किंग को अनिवार्य किया जाना था। देशभर के विभिन्न ज्वेलर्स संगठनों ने सरकार से ये कहकर राहत की मांग की थी कि उनके पास स्वर्ण आभूषण एवं गोल्ड ऑर्नामेंट्स का जो पहले से तैयार किया हुआ स्टॉक है, उसे समाप्त करने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए, वरना उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
ज्वेलर्स एसोसिएशन की मांग पर हॉल मार्किंग की बाध्यता लागू करने की दिनांक बीते 2 वर्षों में कई बार बढ़ाई भी गई। अब केंद्र सरकार की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया है कि पुराने स्टॉक को निकालने के लिए ज्वेलर्स को पर्याप्त समय दिया जा चुका है। इसलिए अब इस समय सीमा में आगे कोई विस्तार नहीं किया जाएगा। वही गोल्ड हॉल मार्किंग लागू हो जाने के पश्चात् गोल्ड ज्वेलरी या ऑर्नामेंट्स पर 6 अंकों वाला अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्क यूनीक आईडेंटिफिकेशन (एचयूआईडी) अनिवार्य हो जाएगा। इससे सोने में मिलावट, उसकी शुद्धता और उसके निर्माता आदि से जुड़ी सभी जानकारी सरलता से उपलब्ध हो जाएगी। इसके साथ ही आम उपभोक्ता जरूरत पड़ने पर देश भर में कहीं भी अपने सोने के गहने को हॉलमार्क में बताई गई शुद्धता के मानक के अनुसार बेच या एक्सचेंज कर सकेंगे।
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