पटना: बिहार से एक ऐसा घोटाला सामने आया है, जिसमे पैसा हड़पने के चक्कर में लोग प्रकृति का नियम तक भूल गए. यहाँ एक 65 वर्षीय महिला ने बीते 14 महीनों में 8 बच्चों को जन्म दिया है. मेडिकल साइंस की मानें तो ये अंसभव है, किन्तु नेशनल हेल्थ मिशन ने इसे संभव कर दिया है. वह भी कागजों पर, ताकि बच्चियों के जन्म होने पर सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि हड़पी जा सके.
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये केस बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मुशहरी प्रखंड से सामने आया है. नेशनल हेल्थ मिशन यानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से मिलने वाली प्रोत्साहन राशि को हड़पने के लिए बिचौलियों ने इस घोटाले को अंजाम दिया है. इस मामले में बिचौलियों ने कागज़ों पर बच्चियों की फर्जी पैदाइश दिखाकर प्रोत्साहन राशि हड़पी है. इसमें कई ऐसी महिलाएं हैं जो प्राकृतिक रूप से तो मां नहीं बन सकतीं, किन्तु उनके द्वारा बच्चों का जन्म दिखाकर पैसे के घोटाले का खेल खेला गया है. तजा मामले में भी ऐसा ही कुछ हुआ है। 65 वर्षीय महिला ने महज 14 माह के भीतर 8 बच्चियों को जन्म दिया है. मिशन के अधिकारी और बैंक के CSP इस आधारहीन कागज़ात पर एक बुजुर्ग महिला को प्रोत्साहन राशि भी भेजते रहे. इस मामले में मसुहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी उपेंद्र चौधरी ने पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई है. 65 वर्षीय महिला लीला देवी ने 14 माह के अंदर 8 बच्चियों को जन्म दिया. प्रत्येक बच्ची के लिए लीला देवी के 1400 रुपए उनके बताए गए अकाउंट में भेजे जा चुके हैं. इतना ही नहीं, अकाउंट से पैसे निकाले भी जा चुके हैं.
इसी प्रकार, नेशनल रूरल हेल्थ मिशन में शांति देवी ने 9 माह के भीतर 5 बच्चियों को जन्म दिया है. सोनिया देवी ने पांच महीनों में 4 बच्चियों को जन्म दिया है. जब इस संबंध में उक्त महिलाओं से बात की गई तो वो घबरा गई. उन्होंने कहा कि ये सब गलत बात है, हमें बच्चा पैदा किए हुए तो कई वर्ष हो चुके हैं. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के आदेश पर इस मामले की उच्चस्तरीय जांच शुरू हो चुकी है. ADM राजेश कुमार की अध्यक्षता वाली जांच समिति ने पाया की प्राथमिक जांच में घोटाले के आरोप सही हैं. विस्तृत जांच चल रही है. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कानूनी कार्यवाही होगी और उसे सजा भी मिलेगी.
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