पटना: बिहार के वैशाली व पटना में कोरोना के एक-एक संक्रमित मामला मिला है। और इसका कोई स्रोत भी नहीं मिला है जिसकी वजह से इलाकों को तीन किमी के दायरे में सील कर दिया गया है। बता दें कि कोरोना संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए उत्तर व दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली लाइफलाइन पटना व वैशाली जिलों के बीच मौजूद महात्माउ गांधी सेतु को भी पूरी तरह सील कर दिया गया है। डॉक्टर हैरान है कि वैशाली के कोरोना संक्रमित मरीज को पता नहीं कि उसे संक्रमण कहां और कैसे लगा।
संक्रमित शख्स की कोई ट्रैवेल हिस्ट्री भी नहीं है। वह बिहार का पहला मरीज है, जिसके संक्रमण का स्रोत पता नहीं चल पाया है। इसी तरह से वैशाली के 35 वर्षीय मरीज के पूर्वी राघोपुर गांव को सील कर 32 लोगों को क्वारंटाइन सेंटर में पहुंचा दिया गया है। उनमें से मरीज के परिवार के आठ सदस्य भी शामिल हैं। सदर एसडीओ संदीप शेखर प्रियदर्शी ने गांव को सील करते हुए लोगों से सावधानी बरतने का आग्रह किया।
डॉक्टर इस बात का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि संक्रमित युवक को संक्रमण कैसे हुआ। उसके बाहर जाने का कोई इतिहास भी नहीं है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या वह समाज में किसी अज्ञात स्रोत से संक्रमित हो गया? यदि ऐसा है तो इसके गंभीरता से लेना होगा क्योंकि ऐसा होना बेहद खतरनाक साबित हो सकता हैं। बताया जा रहा है कि वह 14 अप्रैल तक पांच जगहों पर गया था। इस दौरान वह 100 से ज्यादा लोग संपर्क में रहा।
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