पटना: बिहार, ट्रांसजेडर को गवर्नमेंट सेवा खासकर पुलिस में आरक्षण देने वाला विश्व का प्रथम राज्य बन गया है। बिहार पुलिस में अब सिपाही और अवर निरीक्षक (एसआई) के पदों पर किन्नरों की सीधी नियुक्ति की जानें वाली है, और वे सामान्य की तरह प्रोन्नति भी दी जाने वाली है। अभ्यर्थी को बिहार राज्य का मूल निवासी और ट्रांसजेंडर होने का प्रमाणपत्र देने की जरूरत होगी।
जंहा इस बात का पता चला है कि राज्य सरकार की स्वीकृति के उपरांत गृह मंत्रालय (आरक्षी शाखा) ने ट्रांसजेंडर अभ्यर्थियों की बिहार पुलिस में नियुक्ति का संकल्प आवेदन जारी कर चुके है। पुलिस अवर निरीक्षक (एसआई) और सिपाही के पदों पर सीधी नियुक्ति के आवेदन में अंग्रेजी के शब्द ट्रांसजेंडर और हिंदी में किन्नर, कोथी का उपयोग कर पाएंगे। किन्नरों की सीधी नियुक्ति के लिए शैक्षणिक अहर्ता बिहार पुलिस हस्तक 1978 के सिपाही तथा पुलिस अवर निरीक्षक संवर्ग के मुताबिक ही होगी।
संकल्प पत्र के मुताबिक सिपाही संवर्ग के लिए नियुक्ति का अधिकार पुलिस अधीक्षक (एसपी) को होगा। जंहा यह भी कहा जा रहा है अवर निरीक्षक (एसआई) के लिए नियुक्ति का अधिकार पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) स्तर के पदाधिकारी के पास होगी। सिपाही और पुलिस अवर निरीक्षक संवर्ग में प्रत्येक 500 विज्ञापित पदों पर एक पद किन्नर समुदाय के लिए आरक्षित किया जा रहा है। इस पद के लिए अलग से विज्ञापन भी प्रकाशित किया जाएगा और इसका जिक्र विज्ञापन में स्पष्ट रूप से होगा। इनकी ओर से आवेदन नहीं मिलने पर यह पद सामान्य अभ्यर्थियों से भरा जाएगा। नियुक्ति पर पदस्थापन जिला पुलिस बल में होगा। 2011 की जनगणनना के अनुसार राज्य के प्रत्येक एक लाख लोगों में किन्नरों की संख्या 39 है।
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