पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के ऐलान के साथ ही बिहार भाजपा में बगावत के सुर बुलंद होने लगे हैं. पार्टी ने NDA के आधिकारिक प्रत्याशियों के खिलाफ चुनाव लड़ने की वजह से अपने नौ वरिष्ठ नेताओं को 6 वर्ष के लिए पार्टी से बाहर कर दिया है. प्रदेश भाजपा इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने बताया है कि NDA के आधिकारिक उम्मीदवारों के सामने चुनाव लड़ने जा रहे पार्टी नेताओं के खिलाफ एक्शन लिया गया है और इस बाबत कार्रवाई का नोटिस भी जारी कर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में पार्टी की तरफ से पहले ही राय व्यक्त की गई थी. जायसवाल द्वारा दस्तखत किए गए पत्र में नौ नेताओं को छह साल के लिये पार्टी से निष्कासित किया गया है, जिनमें राजेन्द्र सिंह, रामेश्वर चौरसिया, रवीन्द्र यादव, डॉ उषा विद्यार्थी, श्वेता सिंह, इन्दु कश्यप, अनिल कुमार, मृणाल शेखर और अजय प्रताप का नाम हैं. भाजपा की तरफ से जारी किए गए पत्र में कहा गया है, ‘‘आप लोग NDA के उम्मीदवार के विरूद्ध चुनाव लड़ रहे हैं. इससे NDA के साथ ही पार्टी की छवि भी धूमिल हो रही है.'
पत्र में आगे लिखा है कि आप लोगों को पार्टी विरोधी इस कार्य की वजह से पार्टी से छह वर्ष के लिये निष्कासित किया जाता है.’’ आपको बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के कई नेता दूसरे दलों के टिकट पर चुनावी दंगल में कूद गए हैं. चिराग पासवान की लोक जन शक्ति पार्टी (लोजपा) ने भाजपा के कई नेताओं को उम्मीदवार बनाया है. इनमें भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे राजेन्द्र सिंह को लोजपा ने दिनारा से चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि सासाराम से रामेश्वर चौरसिया को उम्मीदवार बनाया है. लोजपा ने पालीगंज से पूर्व MLA उषा विद्यार्थी और और झाझा से डा. रवींद्र यादव को टिकट दिया है.
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