पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने सोमवार को राजधानी पटना में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पूरे राज्य में 'जलवायु के अनुरूप कृषि' पहल की शुरुआत की. कार्यक्रम के दौरान उन्होंने राज्य के किसानों के बीच पराली जलाने का चलन बढ़ने पर गंभीर चिंता प्रकट करते हुए शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे हवाई सर्वेक्षण के जरिए स्थिति का जायजा लें और दंडात्मक कार्रवाई के बगैर रोकथाम के उपाय करें.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम नीतीश ने किसानों के साथ लगातार संपर्क बनाए रखने, उनकी समस्याएं सुनने, पराली जलाने के नुकसानों की उन्हें जानकारी देने और पराली के वैकल्पिक उपयोग पर सरकार से मिलने वाले लाभों के बारे में उन्हें बताने की आवश्यकता पर जोर दिया. सीएम नितीश ने कहा कि किसानों को यह बताया जाना चाहिए कि सरकार रोटरी मल्चर, स्ट्रॉ रीपर, स्ट्रॉ बालेर और रीपर कम बाइंडर की खरीद के लिए 75 फीसदी सब्सिडी प्रदान कर रही है, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए यह 80 फीसद है.
उन्होंने कहा कि इन उपकरणों के उपयोग से किसान को पराली जलाने की जरुरत नहीं पड़ेगी और कृषि से होने वाली उनकी आमदनी भी बढ़ेगी क्योंकि कृषि से निकलने वाले कचरे को रिसाइकल किया जा सकेगा और उनके उपयोग से कई वस्तुएं बनाई जा सकेंगी.
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