पटना: बिहार के गोपालगंज में न्याय की उम्मीद जगाने वाला एक मामला प्रकाश में आया है. यहां अदालत ने दो महिलाओं को फांसी की सजा सुनाई ,है जिन्होंने 3 वर्ष पूर्व 4 वर्षीय मासूम की बलि दे दी थी. गोपालगंज के विजयीपुर थाना के अंतर्गत आने वाले छितौना गांव के विनोद साह का चार वर्षीय बेटा देव कुमार 5 सितंबर 2017 को दिन के लगभग दो बजे अपने घर के दरवाजे के पास खेल रहा था.
इसी बीच छितौना गांव की ही एक महिला, बच्चे के पास पहुंची और उसे आइसक्रीम देने के बहाने उसके दरवाजे से बुलाकर अपने साथ ले गई. बहुत देर तक जब मासूम घर लौटकर नहीं आया तो परिवार के सदस्यों ने उसकी तलाश शुरू की. घंटों तलाश के बाद भी देव कुमार का कहीं कुछ पता नहीं चला. घटना के अगले दिन मासूम बच्चे की लाश विनोद साह के घर के पिछले हिस्से में मिली. घटना की जानकारी मिलने के बाद घटनास्थल पर पहुंची पुलिस को मासूम के शव के पास ही खून लगा एक चाकू मिला, जिससे मासूम की गला रेतकर हत्या की गई थी. इस मामले में विनोद साह के बयान पर विजयीपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई, जिसमें इसी गांव के सरजू साह की पत्नी दुर्गावती देवी और उनकी बहू सनकेशा देवी को नामजद अभियोलत बनाया गया.
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया. इस आपराधिक मामले में चार्जशीट आने के बाद सत्र न्यायालय में सुनवाई आरंभ हुई. सुनवाई के दौरान प्रस्तुत सबूतों के आधार पर चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश लवकुश कुमार की बेंच ने दोनों आरोपी महिलाओं को घटना के लिए दोषी पाते हुए उन्हें फांसी की सजा सुना दी.
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