आज बिहार में चुनाव की मतगणना तीन चरणों में हो रही है। वोटों की गिनती की प्रक्रिया आज सुबह 8 बजे से शुरू हो गई है और दोपहर तक तस्वीर साफ हो सकती है। कई लोगों के मन में इस तरह के सवाल होंगे कि आखिर चुनाव प्रक्रिया इतनी देर तक चलने के बाद वोटों की गिनती कैसे होती है? तो आइए जानते हैं।
मतगणना के लिए प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्येक मतगणना हॉल में 14-14 टेबल लगाई गई हैं। एक बूथ की ईवीएम मशीन एक टेबल पर रखी गई है। किस बूथ के ईवीएम किस चार्ट पर आएंगे, इसका चार्ट पहले से तैयार है। ईवीएम लाने के बाद, मशीन पर गिनती एजेंट को वहां मौजूद विभिन्न दलों के उम्मीदवारों के मतगणना एजेंट को दिखाया जाता है। इसके बाद सभी की सहमति के बाद ईवीएम की सील तोड़ी जाती है। ईवीएम की सील तोड़ने के बाद परिणाम एक बटन दबाया जाता है। इस कारण ईवीएम में किस उम्मीदवार के पक्ष में कितने वोट मिले, यह उनके नाम के आगे छपा है। यह आंकड़ा इसलिए भी प्रदर्शित किया जाता है ताकि उम्मीदवारों के एजेंट और गिनती में लगे कर्मचारी सभी के वोट को ठीक से देख सकें।
इसके बाद, सभी 14 तालिकाओं का परिणाम हॉल के प्रभारी और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र के सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ) को भेजा जाता है। एआरओ सभी उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त वोटों को इकट्ठा करता है और एक गोल परिणाम तैयार करता है और इसे उपायुक्त या जिला मजिस्ट्रेट को भेजता है। सभी निर्वाचन क्षेत्रों से सभी राउंड का परिणाम आरओ कक्ष में ही अंतिम है। फिर प्रत्येक दौर का परिणाम बताया जाता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया के लिए वीडियो रिकॉर्डिंग भी की जाती है।
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