पटना: कई राज्यों में सर्वाधिक बारिश ने आतंक मचा रखा है वही बिहार में वर्षा की वजह से जनजीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। समस्तीपुर जिले में तो कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर निकली गई है। वहीं, शहर से सटे बूढ़ी गंडक नदी में बाढ़ का पानी आ जाने की वजह से श्मसान घाट के साथ कब्रिस्तान तथा मस्जिद सब डूब गए हैं। इसकी वजह से लाशों की अंतिम संस्कार तथा जनाजे को दफन करने की दिक्कत हो गई है। सदियों से अपनी परंपरागत स्थानों पर लोग अंतिम संस्कार करते थे।
वही जनाज़े को अपने पुरखों की कब्र के पास दफनाया करते थे उनको बाढ़ का पानी आ जाने की वजह से अब दूसरे स्थानों के श्मसान घाट तथा कब्रिस्तान का सहारा लेना पड़ रहा है। आपको बता दें कि जिलें के धरमपुर के वार्ड संख्या 1 स्थित तटबंध के भीतर एक ही स्थान पर अगल-बगल में श्मसान घाट, मुस्लिम समुदाय के कब्रिस्तान है जो बूढ़ी गंडक नदी में 1987 में आए डेंजर लेवल के लगभग बाढ़ का पानी आ जाने की वजह से डूब गया। कुदरत ने समस्तीपुर वासियों पर एक तरफ जहां वर्षा का पानी जलजमाव के तौर पर दिक्कत उत्पन्न कर दी है।
वहीं, बाढ़ ने भी कहर ढाना आरम्भ कर दिया है। इस बार बूढ़ी गंडक नदी ने 1987 तथा 2007 में आए बाढ़ के सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इसकी वजह से शहर पर भी बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। समस्तीपुर में बीते कई दिनों से हुई वर्षा के पानी के कारण शहर के कई क्षेत्र वर्षा के पानी मे डूब गए हैं। शहर में लोग अब अपने घरों से निकलने के लिए चचरी पुल या थर्मोकोल से बनी नाव का सहारा लेने को विवश हो गए है। पुर के लोग झेलने को मजबूर होते है।
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