लखनऊ: ‘यूपी में बाबा’ गाकर नेहा सिंह राठौड़ के 'यूपी में का बा' का जवाब देने वाली मशहूर कवियित्री अनामिका जैन अंबर को बिहार में काव्य पाठ नहीं करने दिया गया। इसका कारण बताते हुए अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए उन्हें ‘ऊपर’ से बहुत दबाव है। वहीं, कवियत्री अनामिका ने इसके लिए बिहार की नीतीश कुमार की सरकार को जिम्मेदार बताया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला कहा जाने वाला बिहार का सोनपुर स्थित हरिहर क्षेत्र का मेला इन दिनों सजा हुआ है। इस मेले में अनामिका अम्बर को भी काव्य पाठ के लिए आमंत्रित किया गया था। जब अनामिका वहाँ पहुँची, तो उन्हें पटना में ही रोक दिया गया और आयोजन में हिस्सा नहीं लेने दिया गया। वहीं, इस बात से खफा कवियों ने काव्य सम्मेलन का ही बहिष्कार कर दिया। इसके बाद अनामिका ने फेसबुक लाइव आकर, बिहार की JDU-RJD गठबंधन वाली नीतीश सरकार पर संगीन इल्जाम लगाया है। उन्होंने कहा कि उन्हें राज्य सरकार के दबाव के कारण ही सोनपुर मेले के कवि सम्मेलन में शामिल नहीं होने दिया गया। अनामिका अम्बर ने आगे कहा कि उनकी काव्य पाठ से बिहार की सरकार भयभीत है। इसलिए उन्हें काव्यपाठ करने से ही रोक दिया गया।
कवियत्री ने कहा कि, 'जिस प्रकार की कविताएँ मैंने हाल में लिखी और गाई है, विशेषकर योगी आदित्यनाथ के बारे में लिखी हुई कविता, काफी प्रसिद्ध हुई थी, उससे मुझे बिहार सरकार के इशारे पर सोनपुर में स्टेज पर नहीं आने दिया गया। इसके विरोध में दूसरे कवियों ने कवि सम्मेलन का बहिष्कार कर दिया।'
अनामिका ने आगे कहा कि राष्ट्र की बात करना, सच्चाई की बात करना किसी सरकार को इतना बुरा भी लग सकता है, ये उन्हें पता नहीं था। उन्हें कहा कि उन्हें कवि सम्मेलन में हिस्सा ही नहीं लेने दिया गया, इसका उन्हें काफी दुख है। अनामिका ने कहा कि उन्हें ‘यूपी में बाबा’ गाने के कारण मंच पर आने से रोका गया।
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