पटना: पत्रकार राजदेव रंजन के क़त्ल के मामले में एक गवाह बादामी देवी को CBI ने मृत घोषित कर दिया था। शुक्रवार को वह गवाह मुजफ्फरपुर कोर्ट के समक्ष पेश हुई। तत्पश्चात, कोर्ट ने जांच कर रही CBI को फर्जी मृत्यु रिपोर्ट जमा करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। अतिरिक्त सत्र न्ययाधीश सह विशेष न्यायाधीश पुनीत कुमार गर्ग ने CBI को नोटिस जारी किया तथा 20 जून से पहले जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। मामले की सुनवाई भी अब 20 जून को की जाएगी।
बता दे कि राजीव रंजन का वर्ष 2016 में 5 हमलावरों ने सिवान में गोली मार कर क़त्ल कर दिया था। इससे पहले CBI ने बादामी देवी से पूछताछ के लिए समन मांगा था, जिसे कोर्ट ने जारी किया था। हालांकि, 24 मई को CBI ने बादामी देवी को मृत घोषित कर दिया था तथा उनकी इसकी रिपोर्ट भी जमा की थी। लेकिन आज वह अपने दस्तावेजों तथा हलफनामे के साथ पुलिस के समक्ष पेश हुईं।
वही अपने हलफनामे में बादामी देवी ने कहा है कि मैं सिवान में अपने कसेरा टोली स्थिति आवास पर रह रही थी। मुझे मामले में गवाह बनाया गया था मगर कोई CBI अफसर मुझे नहीं मिला। हालांकि, CBI ने मुझे मृत घोषित कर दिया, जिसके बारे में मुझे अखबारों के जरिए खबर प्राप्त हुई। याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता शरद सिन्हा ने कोर्ट से कहा कि शीर्ष जांच एजेंसी की तरफ से इस प्रकार की हरकत संदिग्ध प्रतीत होती है। अब यह बोलते में कोई हिचक नहीं रह गई है कि CBI ने इस प्रकार का काम अन्य गवाहों के साथ भी किया होगा। उन्होंने कहा कि यह अजीब और हैरान करने वाला है। बता दे कि बिहार सरकार ने 17 मई 2016 को यह मामला विस्तृत जांच के लिए CBI को सौंपा था। CBI ने 15 सितंबर 2016 को एक मुकदमा दर्ज किया था तथा दिवंगत राजद सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन से पूछताछ की थी। हालांकि, शहाबुद्दीन ने दावा किया था कि वह घटना हुई थी उस वक़्त वह जेल में थे।
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