पटना: 'बिहार कोकिला' शारदा सिन्हा का आज अंतिम संस्कार हो गया है। 5 नवंबर को दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में उन्होंने आखिरी सांस ली। बुधवार को उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से पटना लाया गया, तथा आज बृहस्पतिवार को गुलबी घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका दाह संस्कार किया गया। शारदा सिन्हा की अंतिम इच्छा थी कि जहां उनके पति ब्रजकिशोर सिन्हा का क्रियाकर्म हुआ था, वहीं उनका भी अंतिम संस्कार किया जाए। उनकी इस इच्छा का सम्मान करते हुए, पटना के गुलबी घाट पर उनकी अंत्येष्टि की गई, जहां वे पंचतत्व में विलीन हो गईं।
पटना के राजेंद्र नगर स्थित उनके घर से गुलबी घाट तक उनका मुक्ति रथ निकाला गया था। शारदा को अंतिम बार देखने के लिए सैकड़ों प्रशंसक इकट्ठा हुए, जिन्होंने नम आंखों से उन्हें विदाई दी। आज शाम को पटना में जेपी नड्डा शारदा सिन्हा के घर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। बुधवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि दी थी।
बता दे कि शारदा सिन्हा कई दिनों से बीमार चल रही थीं। 72 वर्ष की उम्र में उन्होंने आखिरी सांस ली। वे कैंसर से जूझ रही थीं तथा 2018 में उन्हें मल्टीपल मायलोमा, जो एक प्रकार का ब्लड कैंसर है, होने का पता चला था। 26 अक्टूबर को उन्हें दिल्ली के एम्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत अचानक बिगड़ गई तथा वे वेंटिलेटर सपोर्ट पर थीं। जीवन के अंतिम वक़्त में भी गायिकी के प्रति उनका जज्बा कायम था तथा उन्होंने हॉस्पिटल से अपना आखिरी छठ गीत 'दुखवा मिटाईं छठी मइया' जारी किया।
'कॉल डिटेल निकालकर दबाव बना रही पुलिस', डिप्टी CM शुक्ल से बोले पूर्व गृहमंत्री
वन रैंक-वन पेंशन को हुए 10 साल, पीएम मोदी बोले- सुरक्षाबलों की भलाई का फैसला
पहली बार तालिबानी रक्षामंत्री से मिले भारतीय अफसर, गदगद अफगानिस्तान, लेकिन बेचैन हुआ पाकिस्तान