पटना: नीतीश कुमार के साथ गठबंधन को बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सिरे से नाकारा है वही नीतीश समर्थक कह रहे है कि तेजस्वी ऐसी बात कर रहे है जैसे नीतीश खुद आगे होकर आवेदन कर रहे है तेजस्वी के सामने. तेजस्वी ने कहा था कि अगर नीतीश 2019 के लोकसभा चुनाव में महागठबंधन में आना भी चाहें तो उनकी कोई जगह नहीं होगी.पर इसका असर नीतीश से ज्यादा कांग्रेस पर हुआ. कांग्रेस सचिव शकील अहमद ने तेजस्वी को ऐसे बयान देने से बचने की सलाह दे डाली है. शकील ने कहा है, 'नीतीश के लिए दरवाजे बंद करने वाले तेजस्वी कौन होते हैं? उन्होंने ऐसे बचकाने बयान देने से बचना चाहिए. राजनीति परिपक्वता के साथ की जानी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस 2019 आम चुनाव में एनडीए की सरकार से निपटने की जिम्मेदारी निभा रही है. उन्होंने कहा कि जो कोई भी उनका साथ बीजेपी के खिलाफ देगा, उसका स्वागत होगा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं.
वही बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष कौकब कादरी ने शकील अहमद के बयान को उनकी निजी राय बताया है. उनके मुताबिक यह पार्टी लाइन नहीं है. उन्होंने कहा है, 'मुझे नहीं पता कि तेजस्वी ने किस अधिकार से यह बयान दिया. दोनों पार्टियों के नेताओं को संयम रखना चाहिए और ऐसे बयान देने से बचना चाहिए.' नीतीश समर्थको ने तेजस्वी के बयां पर कहा था कि यदि उन्हें कांग्रेस के साथ जाना भी हुआ तो तेजस्वी से पूछने की जरुरत नहीं है, उनसे इजाजत लेना हमारी जिंदगी का अंतिम दिन होगा.
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