पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान कल यानी 7 नवम्बर को होने वाले हैं। ऐसे में बीते कल यानी 5 नवम्बर को प्रचार प्रसार का अंतिम दिन था। उसी दौरान मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के एक चुनावी सभा में यह कहा था कि, यह उनका आखिरी चुनाव है। ऐसे में अब उनके इस बयान पर कई लोग अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। हाल ही में जेडीयू बिहार प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने यह स्पष्ट किया है कि, 'राजनीति करने वाला और समाज सेवा करने वाला कभी 'रिटायर' नहीं होता है और नीतीश कुमार उसी में से हैं।'
नारायण सिंह ने आगे विपक्ष को जवाब देते हुए कहा, ''ये दोनों गलत है। नीतीश जी के व्यक्तव्य का ऐसा कोई मतलब नहीं था। उनका ऐसा कोई आशय नहीं था और इसमें जो भी अर्थ निकाल रहे हैं, अपने मन से अर्थ निकाल रहे हैं। वह अंतिम चुनावी सभा थी। वे स्वयं तो चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। स्वयं चुनाव लड़ते और इस तरह का कोई व्यक्तव्य देते तो उसकी व्याख्या हो सकती थी। वह तो उम्मीदवार के प्रचार के लिए गए थे। अंतिम चुनावी सभा थी तो उस संदर्भ में यह कह ही सकते हैं, जो उन्होंने कहा। अब ये लोग खुश हैं तो उनकी मर्जी है।''
जी दरअसल विपक्ष ने कहा था नीतीश ने हार मान ली है और वह सन्यास लेने वाले हैं। हाल ही में जब नारायण सिंह से पूछा कि 'नीतीश कुमार के इस बयान से बिहार विधानसभा के इस अंतिम चरण के मतदान में क्या कोई प्रभाव पड़ेगा और क्या राजग को कोई नुकसान होगा?' तो उन्होंने कहा, ''कोई प्रभाव नहीं पडेगा और जरा भी नुकसान नहीं पहुंचेगा। यदि इस बयान का कोई गलत अर्थ निकालेगा तो इसका सही अर्थ भी तो निकालने वाले लोग होंगे और सही अर्थ निकालने वाले ज्यादा व्यापक हैं राजग के पास।''
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