पटना: हजारों किसानों ने मंगलवार को पटना में राजभवन तक पैदल मार्च किया, जिसमें केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को रद्द करने और देश के कई हिस्सों में बड़े स्तर पर आंदोलन में शामिल होने का आह्वान किया गया। इस मार्च में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति और अन्य वाम संगठन शामिल हुए।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्षी दल नए कृषि कानूनों पर किसानों को भ्रमित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि विपक्ष मजबूत था, तो किसानों को आंदोलन शुरू करने की क्या आवश्यकता थी ? दसियों हज़ार किसान नई दिल्ली के पास राजमार्गों पर एक माह से डेरा जमाए हुए हैं और नए कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों को डर है कि इस नए कानून के बाद कृषि क्षेत्र का कॉर्पोरेट प्रभुत्व बढ़ेगा और उनकी आमदनी में कमी आएगी।
हालांकि केंद्र सरकार का कहना है कि नए कानूनों से किसानों की आमदनी में वृद्धि होगी, क्योंकि रिलायंस, वालमार्ट और अदानी एंटरप्राइजेज जैसे संभावित थोक खरीददारों अब किसानों से सीधे जुड़ सकते है और थोक बाजारों और कमीशन एजेंटों को अलग-थलग किया जा सकता है।
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