पटना: अनुमान के अनुरूप केरल के कई भागों में भारी वर्षा रविवार को भी जारी रही. जिसकी वजह से राज्य के निचले क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति पनप गई. इस दौरान इडुक्की भूस्खलन में 17 और लोग मौत का शिकार हो गए और साथ ही हादसे में मरने वालों की संख्या 43 हो गई है. मौसम विभाग ने कासरगोड, कन्नूर, वायनाड, कोझिकोड, मलप्पुरम व अलप्पुझा जिलों में भारी बारिश की आशंका जताई है. IMD ने रेड अलर्ट जारी करते हुए इन जिलों में 24 घंटे के अंदर 20 सेंटीमीटर वर्षा का अनुमान जताया है. हालांकि उम्मीद है कि मंगलवार तक वर्षा की रफ्तार कम हो जाएगी.
बांधों के खोले जाने से बिगड़े हालात: राजामाला के करीब पेट्टीमुडी में हुए भूस्खलन में दबे लोगों को बाहर निकालने के लिए अभियान शुरू कर दिया गया है. रविवार को 17 और लोगों के शव निकाले जा चुके है. खास बात यह रही कि भारी वर्षा के बाद NDRF और दमकल मंत्रालय ने राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है. भारी वर्षा और विभिन्न बांधों के खोले जाने से मध्य केरल की नदियों का जल स्तर बढ़ता ही जा रहा है जिससे बाढ़ की स्थिति और भी बदतर होती जा रही है. कोट्टयम जिले के मनारकाड क्षेत्र में बाढ़ में एक टैक्सी चालक बह गया. उसका शव बरामद किया जा चुका है.
बिहार में भी बाढ़ से मुश्किलें: मिली जानकारी के अनुसार देश के अन्य राज्यों में भी बाढ़ से हालात गंभीर होते जा रहे हैं. बिहार में बाढ़ से 87 हजार और लोग प्रभावित हुए हैं इसके साथ राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों का आंकड़ा तकरीबन 74 लाख हो गया है. राज्य के 16 जिलों के 125 प्रखंडों के 1232 पंचायत क्षेत्रों में बाढ़ का प्रभाव पड़ा है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में से अभी तक 5.08 लाख लोगों को बचाया जा चुका है. मौसम विभाग की मानें तो ओडिशा के अधिकतर स्थानों पर कम दबाव के क्षेत्र की वजह से अगले 5 दिनों तक भारी वर्षा हो सकती है. राज्य सरकार ने जिला प्रशासन को अलर्ट जारी कर चुका है.
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