पटना: बिहार में नई सरकार बनते ही सबसे अधिक सुर्खियों में रहे डॉ. मेवालाल चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। जी हाँ, वह नए शिक्षा मंत्री बने थे लेकिन अब वह इस्तीफा दे चुके हैं। वहीं उनके इस्तीफे को देखकर विपक्ष ने इसे अपनी जीत बताया। इस बीच अब यह सवाल बरकरार है कि, 'सीएम नीतीश कुमार के करीबी रहने के बावजूद उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया?' अब इसी मुद्दे को लेकर डॉ। मेवालाल ने एक मशहूर वेबसाइट से बातचीत की।
इस बातचीत में उन्होंने यह कहा कि उन्होंने सीएम नीतीश की छवि को बचाने के लिए ऐसा किया। उन्होंने कहा कि, 'नीतीश कुमार के सच्चे सिपाही होने के नाते उनके छवि पर किसी तरह का आंच न लगे, इसलिए मैंने खुद इस्तीफे की पेशकश की। वो जब तक पाक-साफ साबित नहीं हो जाते वो इस पद पर नहीं रहेंगे।' वैसे हम आपको यह भी बता दें कि बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति रहते समय मेवालाल चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे और उन पर एफआईआर भी दर्ज हुई थी। वहीं उसी के बाद जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) से उन्हें निलंबित कर दिया गया था। इसी वजह से विपक्ष लगातार नीतीश सरकार को निशाने पर ले रही थी।
क्या हैं मेवालाल पर आरोप- जी दरअसल डॉ। मेवालाल चौधरी राजनीति में आने से पहले साल 2015 तक भागलपुर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति थे। साल 2015 में सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा। उसके बाद उन्होंने जदयू से टिकट लिया और तारापुर से चुनाव जीत गए। वहीं उनके चुनाव जीतने के बाद वह नियुक्ति घोटाले में आरोपित मिले। इस मामले में विधायक ने कोर्ट से अंतरिम जमानत ली थी।
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