बीकानेर जमीन घोटाला: रॉबर्ट वाड्रा और उनकी माँ के खिलाफ याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला

बीकानेर जमीन घोटाला: रॉबर्ट वाड्रा और उनकी माँ के खिलाफ याचिका पर हाई कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
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जयपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय ने आज गुरुवार (22 दिसंबर) को रॉबर्ट वाड्रा के बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद फरोख्त मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में अपना फैसला सुना दिया है। रॉबर्ट वाड्रा, उनकी मां मौरीन वाड्रा और बिचौलिए महेश नागर से जुड़ी याचिका पर बुधवार को सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत का ये फैसला सामने आया है। न्यायालय ने रॉबर्ट वाड्रा, मौरीन वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की गिरफ्त में लेकर पूछताछ करने और अदालत की तरफ से इनकी गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाने की मांग को लेकर दाखिल अर्जी खारिज कर दी है। 

उच्च न्यायालय ने महेश नागर और अन्य की याचिका खारिज करने के अतिरिक्त फिलहाल दो सप्ताह गिरफ्तारी पर रोक जारी रखने का आदेश देते हुए फौरी राहत भी दी है। इस दौरान परिवादी पुनः अपील भी कर सकते हैं। जोधपुर उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति डॉ। पुष्पेंद्रसिंह भाटी की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है। बता दें कि इस याचिका पर ED और वाड्रा के वकीलों की दलीलें बुधवार को पूरी हो गई थी और अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। 

बता दें कि बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद-फरोख्त के मामले को लेकर रॉबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा के खिलाफ चल रहे मामले में अदालत ने बुधवार को सुनवाई की थी। बुधवार को न्यायालय में दोनों पक्षों को सुना गया था, जिसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला गुरुवार तक सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि इस मामले में वाड्रा सहित सभी आरोपियों की गिरफ्तारी पर अदालत ने रोक लगा रखी थी।

क्या है पूरा मामला :-

ED ने बीकानेर जमीन घोटाले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ एक केस दर्ज कर रखा है, जिसकी जांच बीकानेर के सीमावर्ती जिले के कोलायत क्षेत्र में कंपनी द्वारा 275 बीघा जमीन की खरीद से संबंधित है। वहीं, ED ने 2016 में स्थानीय तहसीलदार द्वारा शिकायत दर्ज करवाने के बाद राज्य पुलिस द्वारा दर्ज FIR को आधार बनाकर वाड्रा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का एक आपराधिक केस दर्ज किया था। बता दें कि वाड्रा का यह मामला लगभग 5 वर्षों से राजस्थान उच्च न्यायालय में लंबित है, जिस पर अभी तक 80 से ज्यादा बार सुनवाई हो चुकी है। इससे पहले अदालत की एकल पीठ के समक्ष स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी के अलावा महेश नागर ने ED की जांच को चुनौती दी थी। वहीं राबर्ट वाड्रा की तरफ से राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका पेश की गई थी, जिस पर 19 दिसंबर, 2018 को गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश जारी किए गए थे।

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