इस्लामाबाद: कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान में सियासी बवाल अपने चरम पर है। अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि सरकार उन आतंकवादी संगठनों के साथ कोई बातचीत नहीं करेगी, जो देश के कानूनों और संविधान का सम्मान नहीं करते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दावोस में विश्व आर्थिक मंच की मीटिंग के दौरान एक इंटरव्यू में, बिलावल ने पूर्व पीएम इमरान खान की सरकार पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के प्रति तुष्टिकरण की नीति अपनाने का भी इल्जाम लगाया है।
उन्होंने कहा कि मुझे यकीन है कि यदि हम अफगान अंतरिम सरकार के साथ काम कर सकते हैं, जिसका इन समूहों पर प्रभाव है, तो हम अपनी सुरक्षा बरक़रार रखने में कामयाब होंगे। बिलावल भुट्टो ने आगे कहा कि देश का नया नेतृत्व, राजनीतिक और सैन्य दोनों, उन आतंकी संगठनों से कोई बातचीत नहीं करेगा, जो देश के कानूनों और संविधान का सम्मान नहीं करते हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान को उम्मीद है कि नई अफगान सरकार TTP के खिलाफ एक्शन लेगी।
भुट्टो ने कहा कि, हम दोनों आतंकवाद के शिकार हैं। मैं नहीं मानता कि आतंकवाद के विरुद्ध अफगानिस्तान की सरकार अपने दम पर सफल होगी और न ही हम अपने दम पर आतंकवाद के खिलाफ कामयाब होंगे। हमें मिलकर कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) का पूरा मकसद पाकिस्तान को एक लोकतांत्रिक देश बनाना है। हमारा मानना है कि चरमपंथ और आतंकवाद से निपटने का एकमात्र तरीका लोकतंत्र ही है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस साल PIA बन सकते हैं, बिलावल ने कहा कि इसके लिए उन्हें पहले चुनाव जीतना होगा।
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