इस्लामाबाद: पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बार फिर भारत के विरुद्ध जहर उगला है। कश्मीर पर जनमत संग्रह को लेकर बिलावल ने फिल्मी डॉयलॉग मारते हुए कहा है कि इंसाफ में देरी का मतलब इंसाफ से इंकार है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने 5 जनवरी की तारीख का प्रोपगेंडा फैलाते हुए कहा कि इसी दिन संयुक्त राष्ट्र आयोग ने जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराने का प्रण लिया था।
On 5 January 1949, UN Commission for India & Pak resolved to hold plebiscite in J&K. Kashmiris have been waiting for plebiscite ever since, giving sacrifices fearlessly. They must be given opportunity to realize their Right to Self-Determination. JUSTICE DELAYED IS JUSTICE DENIED
— BilawalBhuttoZardari (@BBhuttoZardari) January 5, 2023
बता दें कि, पाकिस्तानी नेताओं ने 5 जनवरी को कश्मीरी आत्मनिर्णय अधिकार दिवस के रूप में मनाया है। पाकिस्तान विदेश विभाग ने भी इस अवसर को भुनाते हुए भारत विरोधी बयान जारी किया है। कई देशों में पाकिस्तानी दूतावास ने भी इस संबंध में लिखित बयान जारी किया है। हालांकि, किसी ने बयान में पाक अधिकृत कश्मीर का जिक्र नहीं किया है। बिलावल भुट्टो ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, '5 जनवरी 1949 को, भारत और पाकिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र आयोग ने जम्मू-कश्मीर में जनमत संग्रह कराने का संकल्प लिया था। कश्मीरी उस समय से ही जनमत संग्रह की प्रतीक्षा कर रहे हैं, बेधड़क कुर्बानी दे रहे हैं। उन्हें अपने आत्मनिर्णय के अधिकार को महसूस करने का मौका दिया जाना चाहिए। न्याय में देरी का मतलब न्याय से इंकार है।'
पाकिस्तान ने कहा है कि आत्मनिर्णय का अधिकार अंतरराष्ट्रीय कानून का महत्वपूर्ण सिद्धांत है, जिसकी पुष्टि संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की जा चुकी है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में 5 अगस्त 2019 को कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म किए जाने का भी जिक्र किया है।
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