नई दिल्ली : 2002 के गुजरात के बिलकिस बानो रेप केस में सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार को आदेश दिया है कि वो 2 सप्ताह में एक आईपीएस अधिकारी सहित 6 पुलिसवालों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें. इन सभी पुलिसवालों पर दुष्कर्म मामले की जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगा है.
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दरअसल, बिलकिस बानो ने शीर्ष अदालत में अर्जी दाखिल कर उचित मुआवजा की मांग की थी. इस मांग पर गुजरात सरकार ने पीड़िता बिलकिस बानो को 5 लाख का मुआवजा देने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन बिलकिस बानो ने इस पेशकश को ठुकरा दिया है. गत वर्ष सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार से मुआवज़े की रक़म बढ़ाने वाली याचिका पर जवाब तलब किया था. बिलकिस की याचिका पर शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार से उस याचिका पर भी जवाब दायर करने के लिए कहा था कि इस मामले में दोषी पुलिसवालों व डॉक्टर के विरुद्ध क्या कार्रवाई हुई है?
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इससे पहले हुई सुनवाई में शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को नोटिस भेजने करने से मना कर दिया था. शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा था कि आप गुजरात सरकार को याचिका की प्रतिलिपि सौंपे. इस मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि मुआवज़े की रकम को बढ़ाने के लिए दायर की गई याचिका में दोषियों को पक्ष क्यों बनाया गया है. अदालत ने कहा था कि मुआवजा गुजरात सरकार को देना है.
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