'हॉकी के जादूगर' मेजर ध्यानचंद के बारे में वो पांच बातें, जो उन्हें बनाती हैं सर्वश्रेष्ठ हॉकी प्लेयर

'हॉकी के जादूगर' मेजर ध्यानचंद के बारे में वो पांच बातें, जो उन्हें बनाती हैं सर्वश्रेष्ठ हॉकी प्लेयर
Share:

नई दिल्ली: विश्व में ऐसे कई ऐसे खिलाड़ी हुए हैं, जिन्होंने अपने खेल में इतनी महारत हासिल कर पूरी दुनिया में अपने हुनर का लोहा मनवाया। उनका नाम इतिहास के पन्नों पर हमेशा के लिए अंकित हो गया। लेकिन सि ‘दद्दा’ यानी मेजर ध्यानचंद ही ऐसे हैं, जिन्हें जादूगर के नाम से पहचाना गया। ध्यानचंद देश के ऐसे पहले खिलाड़ी हैं, जिनके सामने पूरे विश्व ने सिर झुकाया। गेंद को हॉकी स्टिक में लेकर बिजली की रफ़्तार से दौड़ने वाले ध्यानचंद की आज जयंती हैं। 

उनके बारे में कहा जाता है कि जब वे मैदान पर उतरते थे तो जैसे गेंद उनकी हॉकी स्टिक से चिपक जाती थी। उन्होंने अपने खेल से भारत को ओलंपिक में तीन स्वर्ण पदक दिलाए। यही वजह है कि उनके जन्मदिन को देश में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। चांद की रोशनी में अभ्यास से लेकर जर्मन तानाशाह हिटलर की पेशकश तक ऐसी कई बातें हैं, जो इस खिलाड़ी की महानता बखान करती हैं। 

आइए जानते हैं ऐसी ही पांच बातें:- 

1। ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 में उत्तरप्रदेश के प्रयागराज जिले में हुआ। इस दिग्गज खिलाड़ी ने 1928, 1932 और 1936 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया। भारत ने तीनों ही बार स्वर्ण पदक जीता। 

2। ध्यानचंद एम्सटर्डम में 1928 में हुए ओलंपिक में सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी रहे थे। यहां उन्होंने कुल 14 गोल दाग कर टीम को स्वर्ण पदक दिलवाया था। उनका खेल देख कर एक स्थानीय पत्रकार ने कहा था, जिस तरह से ध्यानचंद खेलते हैं, ऐसा लगता है कि वो जादू है। वे हॉकी के 'जादूगर' हैं।

3। हॉकी के इस जादूगर का खेल पर इतना नियंत्रण था कि गेंद उनकी स्टिक से चिपकी ही रहती थी। उनकी इस प्रतिभा पर नीदरलैंड्स को संदेह हुआ और ध्यानचंद की हॉकी स्टिक तोड़कर इस बात की तसल्ली की गई, कहीं वह चुंबक लगाकर तो नहीं मैदान पर नहीं उतारते हैं। 

4। भारत ने 1936 में बर्लिन ओलंपिक में जर्मनी को मात देकर गोल्ड मैडल जीता। ध्यानचंद का खेल देख जर्मन तानाशाह हिटलर इतना प्रभावित हुआ कि उनको जर्मनी के लिए खेलने की पेशकश कर दी। हालांकि, ध्यानचंद ने इसका जवाब नहीं दिया।

5. ध्यानचंद की टीम ने सन 1935 में ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड का दौरा किया था. यहां उन्होंने 48 मैच खेले और 201 गोल दागे. क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन भी उनके मुरीद हो गए. उन्होंने कहा, ध्यानचंद हॉकी में ऐसे गोल करते हैं, जैसे हम क्रिकेट में रन बनाते हैं.

US OPEN: फेडरर से हारकर सुमित नागल हुए बाहर

US Open 2019: भारतीय टेनिस खिलाड़ी सुमित नागल से प्रभावित होकर फेडरर ने कही यह बात

पाक क्रिकेट बोर्ड ने टॉस को लेकर किया यह फैसला

 

 

 

 

 

Share:

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -