शुक्रवार रात लगभग 9 बजे जशपुर के बागीचा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में महनई गांव से एक गर्भवती महिला को लाया गया. अस्पताल में महिला को भर्ती कराये जाने के बाद उसे वहां से ले जाने के लिए कह दिया गया. लेकिन महिला को उसके परिजन जैसे ही जीप में ले जाने लगे तभी महिला को दर्द होने लगा. इसके बाद अन्य महिलाओं ने जीप को कपड़े से ढक कर डिलीवरी करवाई.
जीप में महिला की डिलीवरी के बाद स्वास्थ्य केंद्र में फिर से भर्ती कराया गया. हालांकि डिलीवरी के बाद मां और बच्चे की हालत बिल्कुल ठीक है. उन्हें शनिवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि परिजन जब महिला को लेकर आए तो उसकी जांच की गई. इसमें पता चला कि पेट के अंदर बच्चा घूम गया है. यहां पर सुविधा नहीं होने के कारण महिला को दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया.
इस मामले में परिजन का कहना है कि प्रसूता को ऐसे समय में ले जाने के लिए कहा गया. इसके चलते बच्चे का जन्म जीप में ही हो गया. ऐसे में बच्चे और मां दोनों की जान जा सकती थी.
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