लखनऊ: समाजवादी पार्टी के संस्थापक तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का आज 81वां जन्मदिन मनाया जा रहा है. वही देश के पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव बीते गुरुवार को विशेष विमान से लखनऊ पहुंचे थे. वही यादव कुनबे में शुक्रवार को भी एकजुटता दिखने के आसार नहीं दिख रहें. प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) दोनों अलग-अलग आयोजन करेंगी. प्रसपा कार्यकर्ता जन्मदिन को एकता दिवस के तौर पर मनाएंगे और सैफई में विराट दंगल होगा. शिवपाल सिंह यादव सैफई में रहेंगे. दूसरी ओर समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यालय में मुख्य कार्यक्रम करने के अलावा जिलों में भी समारोहों का आयोजन किया जा रहा है.
ऐसा कहा जा रहा है कि लखनऊ में मुलायम सिंह यादव के आवास पर कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ एकत्र है. यह लोग डीजे के साथ ही ढोल-नगाड़ा और बग्धी लेकर पहुंचे हैं. नेताजी के जन्मदिन का कार्यक्रम यहां समाजवादी पार्टी के कार्यालय पर होगा. जन्मदिन समाजवादी पार्टी के कार्यालय में धूमधाम से मनाया जाएगा.
मुलायम पहुंचे लखनऊ: मिली जानकरी के अनुसार मुलायम सिंह का गुरुवार को अचानक दिल्ली से लखनऊ पहुंच जाना भी चर्चा का विषय बना है. सपाइयों का कहना है मुलायम सिंह शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित समारोह में शामिल होंगे ताकि प्रसपा की ओर से फैलाई जा रही चर्चा पर विराम लगाया जा सके. पिछले जन्मदिन के मौके पर पुत्र अखिलेश और भाई शिवपाल सिंह यादव, दोनों के साथ अलग-अलग केक काटा था. इस दौरान नेताजी ने दोनों की ही पार्टियों को आशीर्वाद देकर राजनीतिक पंडितों को भी चकरा दिया था. नेताजी के जन्मदिन को धूमधाम से मनाने के लिए सपा नेताओं ने खास तैयारी की है. सपा मुख्यालय से लेकर प्रदेश के सभी जिलों में मुलायम सिंह का जन्मदिन मनाया जाने वाला है.
18 लोग इस बारे में बात कर रहे हैं: उल्लेखनीय है कि अस्वस्थ चल रहे मुुलायम सिंह के आगमन को लेकर भी संशय बना था. माना जा रहा था कि संसद का सत्र चलने के कारण मुलायम सिंह का आना संभव नहीं होगा. वही शिवपाल यादव का भी कहना था कि संसद का सत्र चल रहा है. नेताजी का स्वास्थ्य कारणों से आ पाना मुश्किल है.
शिवपाल को फिर झटका: वही इस बात का पता लगाया गया है कि प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मंगलवार को परिवार में एकजुटता होने की वकालत करतेे हुए मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन 22 नवंबर को एक साथ मनाने की उम्मीद जतायी थी. इतना ही नहीं, शिवपाल सिंह ने 2022 में अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री बनने की कामना करते हुए आपस में मेल का प्रस्ताव भी रखा था. दूसरी ओर, शिवपाल सिंह यादव की पेशकश पर समाजवादी पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं की गई. अलबत्ता सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को आगामी विधानसभा अकेले ही लडऩे का ऐलान कर चाचा शिवपाल सिंह यादव के गठबंधन प्लान पर पानी फेर दिया.
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