सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक अपने उपभोक्ता के डाटा से बड़ी कमाई कर रही है। उपभोक्ता की सूचनाएं कंपनी के लिए किसी खजाने से कम साबित नहीं हो रहीं हैं। फेसबुक द्वारा जारी तिमाही आंकड़ों के मुताबिक बीते पांच तिमाहियों के दौरान अमेरिका और कनाडा में इसका प्रति ग्राहक औसत राजस्व (एआरपीयू) 157.41 डॉलर यानी करीब 11 हजार रुपये से कुछ अधिक रहा है। हालांकि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में यह 15 डॉलर यानी करीब एक हजार रुपये प्रति उपभोक्ता रहा।
रिपोर्ट के अनुसार फेसबुक अपने अमेरिकी ग्राहकों से सर्वाधिक कमाई कर रही है। यह यूरोपीय उपभोक्ता के मुकाबले करीब तीन गुना अधिक है। यूरोप में प्रति ग्राहक औसत राजस्व 50.73 डॉलर (करीब साढ़े तीन हजार रुपये) है। आमतौर पर अमेरिकी उपभोक्ता यूरोपीय लोगों से अधिक खर्च करते हैं। अमेरिका की प्रति व्यक्ति खपत यूरोप से 80 परसेंट अधिक है। यही कारण है कि फेसबुक को अमेरिका से प्रति व्यक्ति अधिक राजस्व प्राप्त हो रहा है।
गौरतलब है कि 162 करोड़ यूजर्स प्रतिदिन फेसबुक को विजिट करते हैं, जबकि 240 करोड़ यूजर्स प्रति महीने यहां सक्रिय रहते हैं। अभी हाल में फेसबुक के एक लीक डॉक्यूमेंट के हवाले से बताया गया था कि किस तरह से कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग उपभोक्ता की निजी सूचना का प्रयोग सौदेबाजी के लिए करते हैं। इस न्यूज रिपोर्ट में कुल सात हजार पेज थे। इनमें से करीब चार हजार फेसबुक के अंदरूनी कम्यूनिकेशन से संबंधित थे, जिनमें ई-मेल्स, वेब चैट, नोट्स, प्रजेंटेशंस और स्प्रेड शीट शामिल थे। प्रमुख तौर पर यह सूचना 2011 से 2015 के बीच की थी। इसमें से करीब 1,200 पेज अत्यंत गोपनीय की श्रेणी में रखे गए थे।
इस दौरान एनबीसी ने कहा था कि फेसबुक ने दूसरे एप्स के साथ उपभोक्ता की निजी सूचना भी शेयर की है। इसके साथ इसी महीने की शुरुआत में फेसबुक ने खुद करीब 100 एप डेवलपर्स द्वारा उपभोक्ता की निजी सूचना महीनों तक प्रयोग किए जाने की आशंका जताई थी।
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