कोरोना संकट और लॉकडाउन के बीच वित्त मंत्रालय ने ‘अपने उपभोक्ता को जानिए’ (केवाईसी) के मकसद से 29 बीमा और नौ सिक्योरिटी कंपनियों को आधार एकत्रित करने की इजाजत दे दी है. इस कदम का मकसद मनी लांडिंग की रोकथाम और मुखौटा कंपनियों में निवेश को रोकना है. वित्त सचिव अजय भूषण पांडे ने बताया कि इस संबंध में दो अधिसूचनाएं जारी की गई हैं. इससे उपभोक्ताओं या निवेशकों खासकर छोटे और फुटकर निवेशकों को लाभ हो सकता है क्योंकि उन्हें केवाईसी के लिए कागजात या दस्तावेज दाखिल नहीं करने होंगे.
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अपने बयान में एक अधिकारी ने बताया कि इन कंपनियों द्वारा आधार सत्यापन सेवा का उपयोग स्वैच्छिक है. अगर निवेशक स्थायी खाता संख्या (पैन) देता है तो उसे आधार सत्यापन की जरूरत नहीं होगी. वही, नौ सिक्योरिटी कंपनियों में बांबे स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल सिक्योरिटी (इंडिया) लिमिटेड, सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (इंडिया) लिमिटेड, सीडीएसएल वेंचर्स लिमिटेड, एनएसडीएल डाटाबेस मैनेजमेंट लिमिटेड, एनएसई डाटा एंड एनालिटिक्स लिमिटेड, सीएएमएस इंवेस्टर्स सर्विसेज लिमिटेड, कंप्यूटर एज मैनेजमेंट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि 29 बीमा कंपनियों में बजाज एलियांज लाइफ इंश्योरेंस, भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस, आइसीआइसीआइ प्रुडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस और एसबीआइ जनरल इंश्योरेंस शामिल हैं. साथ ही, Aadhaar 12 अंक की बॉयोमैट्रिक पहचान संख्या होती है. भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) यह पहचान संख्या जारी करने के लिए अधिकृत है. आधार कार्ड की शुरुआत जनवरी, 2009 में हुई थी.
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