यदि अपने भी मन बना लिया है की आप को अब लोन ले लेना चाहिए तो एक नजर पहले यह डालिये-
चालू वित्त वर्ष के द्वारा अब तक बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ रेट यानी कर्ज की लिमिट की विकास दर घटी चुकी है। अग्रणी रेटिंग एजेंसी इकरा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में बैंकों की लोन वृद्धि की दर घटकर 8.5 प्रतिशत रह सकती है। पिछले वित्त वर्ष (2018--19) में यह विकास दर 13.3 प्रतिशत हो गई थी। इकरा ने कहा है कि बैंकों की लोन वृद्धि दर में कमी आने का प्रमुख कारण चालू वित्त वर्ष की पहले 6 महीने में लोन बिजनेस ज्यादा नहीं बढ़ पाना है।
एजेंसी ने कहा, ‘संकट को देखते हुए कोई बांड बाजार में दांव लगाने को तैयार ही नहीं है। इससे बकाया बांड्स में वृद्धि की हर साल की दर करीब चार प्रतिशत पर आ सकती है, जो पिछले साल 12 प्रतिशत थी ।’ म्यूचुअल फंड के नियमन में हाल हुआ बदलाव के कारण मार्च, 2020 तक कॉमर्शियल पेपर के जरिये जुटाए जाने वाले कर्ज में भी गिरावट रह सकती है। इकरा का यह अनुमान है कि कुल ऋण वृद्धि दर इस दौरान 13.5 प्रतिशत से कम होकर 6.2-6.8 प्रतिशत के स्तर पर आ सकती है।
एजेंसी का कथन है कि पिछले वित्त वर्ष के दौरान एनबीएफसी और एचएफसी (हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों) जैसे बड़े कर्जधारकों की फंडिंग के लिए बैंकों पर निर्भर हो जाने से लोन ग्रोथ में गति आई थी। फिलहाल, सुस्त आर्थिक वृद्धि दर, कर्जधारकों द्वारा परिचालन पूंजी की कम जरूरत आदि के कारण चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में ऋण करोबार की रफ्तार घट सी गई।
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