अधिकतर लोगों को एसआईपी, इक्विटी, डेब्ट फंड और म्युच्युअल फंड में कैसे निवेश किया जा सकता है इसकी जानकारी नहीं है। बड़े बुजुर्ग का कहना हैं कि युवाओं को शुरुआती समय से ही निवेश के लिए ध्यान दे देना चाहिए।
SIP क्या है- SIP को सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान कहा जाता है। इसके चलते म्युच्युअल फंड में एक निश्चित अवधि में निवेश किया जा सकता है। इसके लिए निवेशक अपनी सुविधा के हिसाब से अपने निवेश की रकम और वह कब इसमें निवेश करना चाहता है, कौन सी तारीख उसके लिए सही भरी है उसे चुनता है। कई लोगों को यह भी लगता है कि एसआईपी या तो म्यूचुअल फंड है या म्यूचुअल फंड से अलग है। फिलहाल, सच्चाई यह है कि एसआईपी निवेश की एक बेहतरीन शैली है। यह मूल रूप से आपकी पसंद के फंड या स्कीम में समय-समय पर निवेश करने का बेहतरीन जरिया बन सकता है।
फिलहाल, एक बात जानना जरूरी है कि एसआईपी निवेश लंबे समय में काम करता है। वैसे इक्विटी फंड में दीर्घकालिक एसआईपी काम करता है, इसका मतलब यह नहीं है कि आप अपने लम्बे समय के वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेंगे। दीर्घकालिक एसआईपी तभी काम करता है जब आप लक्ष्य के लिए सही एसआईपी राशि का निवेश कर सकते हैं।
इसे आसानी से ऐसे समझें- समझ लीजिए आप 15 साल में 1 करोड़ रुपये की बचत करना चाहते हैं। फिलहाल, केवल 15 साल के लिए म्यूचुअल फंड एसआईपी में कुछ धन राशि निवेश करके आप सोच में पड़ गए होंगे कि ज्यादा रिटर्न मिल सकता है, तो यह सही तरीका बिलकुल नहीं है। प्रति महीने एक निश्चित रकम जमा करने से पहले गणना कर लें कि आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए कितना निवेश करना चाहिए।
समझ लीजिये आपने 10,000 रुपये प्रति महीने सिप के तौर अगले 15 साल के लिए निवेश कर सकते हैं। यदि आपको इस पर सालाना 10-12 फीसद का रिटर्न मिल सकता है तो आप 15 वर्ष में 41-50 लाख रुपये जमा कर सकते है। फिलहाल इसमें कोई संदेह नहीं है कि एसआईपी में लंबे समय निवेश का फायदा आपको मिल सकता है, परन्तु यह इतना भी नहीं हुआ जितना भी आप चाहते थे। क्योंकि आपका लक्ष्य 1 करोड़ रुपये का था और आप वहां तक नहीं पहुंचे। फिलहाल, रिटर्न का बढ़ना-घटना बाजार के प्रदर्शन और अस्थिरता पर निर्भर रह सकते है।
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