शिमला: हिमाचल प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रमुख मुकाबला तो सत्ताधारी भाजपा व विपक्षी कांग्रेस में ही है, मगर पंजाब में प्रचंड जीत से गदगद आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी यहां ताल ठोंकने का ऐलान कर दिया है। ऐसे में भाजपा व कांग्रेस दोनों अलर्ट हो गई हैं, क्योंकि उनके असंतुष्ट नेता AAP में जा सकते हैं। भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा लगातार राज्य का दौरा कर चुनावी तैयारियों पर नजर रख रहे हैं। नड्डा का गृह राज्य होने से इसका महत्व बहुत अधिक है।
प्राकृतिक रूप से ठंडे हिमाचल में अब सियासी गर्मी बढ़ने लगी है। गत वर्ष हिमाचल की एक लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस जीत हासिल करने में सफल रही थी। इन सीटों पर भाजपा को मात देने के बाद कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। दूसरी तरफ पड़ोसी पंजाब में बड़ी जीत दर्ज करने के बाद AAP अब हिमाचल में भी अपनी जड़े जमाने की कोशिश में लग गई है। ऐसे में भाजपा को दोहरे मोर्चे पर लड़ना पड़ रहा है। भाजपा ने हाल मे AAP के कई बड़े नेताओं को अपने पाले में लाकर केजरीवाल को बड़ा झटका दिया, मगर कांग्रेस की चुनौती उसके लिए सिरदर्द बन सकती है।
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा ने भावी चुनौती के मद्देनज़र अपनी चुनावी तैयारियों को चाक चौबंद करना शुरू कर दिया है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की समीक्षा की जा रही है और हर भाजपा MLA के रिपोर्ट कार्ड पर करीब से नजर रखी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि टिकट काटने से लेकर टिकट पक्का करने में हर क्षेत्र के सामाजिक व सियासी समीकरणों को ध्यान में रखा जाएगा। पार्टी के एक प्रमुख नेता ने बताया है कि इस बार असंतु्ष्टों के लिए आम आदमी पार्टी का एक नया प्लेटफार्म मौजूद होने से अधिक सतर्कता बरती जा रही है।
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