गोरखपुर: सीएम सिटी में तेजी से चल रहे एम्स अस्पताल के निर्माण कार्य के बीच एमबीबीएस की कक्षाएं भी आरंभ होने वाली हैं। किन्तु, इसके पहले ही संस्थान विवादों में फंस गया है। यहां पर पूर्व की सपा सरकार के कार्यकाल में लगाए गए जमीन हस्तांतरण के शिलापट्ट को उखाड़कर फेंकने के मामले में राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल, पूर्व की सपा सरकार ने चिकित्सा शिक्षा विभाग को 112 एकड़ जमीन हस्तांतरित की थी।
अब उस वक़्त लगाए गए शिलापट्ट को कार्यदायी संस्था ने उखाड़कर फेंक दिया है। सपाई इसे योगी सरकार में प्रशासन और कार्यदायी संस्था की साजिश कह रहे हैं। गोरखपुर में एम्स निर्माण का कार्य तेजी से चल रहा है। MBBS में 50 विद्यार्थियों के एडमीशन के बाद कक्षाएं भी शुरू होने वाली हैं। इसी वर्ष की शुरुआत से ओपीडी भी आरंभ हो चुकी है। लेकिन, संस्थान में शिक्षा प्रारंभ होने के पहले ही संस्थान विवादों से घिर गया है।
यहां पर गन्ना शोध संस्थान की 112 एकड़ भूमि चिकित्सा शिक्षा विभाग को राज्य सरकार द्वारा हस्तांतरित की गई थी, जिसके बाद एम्स निर्माण का मार्ग खुल गया था। किन्तु, एम्स के निर्माण कार्य के बीच कार्यदायी संस्था ने पूर्व की सपा सरकार द्वारा जमीन के हस्तांतरण को लेकर लगाया गया शिलापट्ट उखाड़कर सड़क के किनारे फेंक दिया गया है। जिससे भाजपा और सपा ने घमासान मचना तय माना जा रहा है।
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