लखनऊ: उत्तर प्रदेश भाजपा इकाई के अध्यक्ष बनाए गए भूपेंद्र सिंह चौधरी जाट बिरादरी और पश्चिमी यूपी में काफी पकड़ रखते हैं। यही कारण है कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पश्चिमी यूपी में किसान आंदोलन के बाद भी प्रचंड जीत दर्ज की थी। योगी सरकार 2.0 में भूपेंद्र चौधरी को योगी सरकार में दूसरी बार मंत्री पद दिया गया था। इससे पहले उन्होंने संगठन में काफी समय तक काम किया है। यहाँ एक कि, उन्होंने क्षेत्रीय अध्यक्ष तक की जिम्मेदारी निभाई है।
बता दें कि, पश्चिमी यूपी के मुरादाबाद की कांठ विधानसभा सीट जाट लैंड के तौर पर भी जाना जाता है। भूपेंद्र चौधरी इसी जाट लैंड के रहने वाले हैं। भूपेंद्र चौधरी 1999 में समाजवादी पार्टी (सपा) संस्थापक और पूर्व सीएम मुलायम सिंह के खिलाफ लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। लोकसभा चुनाव में शिकस्त मिलने के बाद भी भाजपा ने भूपेंद्र चौधरी पर पूरा भरोसा रखा और अब इसका असर भी देखने को मिल रहा है। बता दें कि, भूपेंद्र चौधरी का जन्म मुरादाबाद जिले के अंतर्गत आने वाले महेंद्री सिंकदरपुर गांव में वर्ष 1966 में एक किसान परिवार में हुआ था।
भूपेंद्र सिंह चौधरी की शुरुआती शिक्षा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में हुई और फिर मुरादाबाद के RN इंटर कॉलेज से उन्होंने 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद आगे जाकर वे विश्व हिंदू परिषद (VHP) से जुड़े और फिर 1991 में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया। वह फिलहाल यूपी विधान परिषद के सदस्य हैं। उन्हें 10 जून 2016 को यूपी विधान परिषद का सदस्य चुना गया था। वह भाजपा के 2012 में पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
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