नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लेकर आरोप लगाए गए हैं कि जब पी चिदंबरम केंद्रीय वित्तमंत्री थे तो उन्होंने उद्योगपति विजय माल्या की मदद की थी। दरअसल इस तरह के आरोप लगाते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि वर्ष 2004 में माल्या को ऋण प्रदान किया गया था। मगर इसके बाद फिर करीब 4 वर्ष बाद उन्हें लोन दिया गया।
वर्ष 2008 में लोन दिए जाने के बाइद भी उन पर की जाने वाली मेहरबानियां बंद नहीं हुईं और ऐसे में उनकी कंपनी को 2010 में फिर से ऋण दिया गया। हालांकि माल्या की कंपनी को नाॅन परफाॅर्मिंग एसेट घोषित कर दिया गया। संबित पात्रा का कहना था कि कांग्रेस ने किंग फिशर एयरलाईंस को बचाने के प्रयास किए थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने माल्या की हर तरह से मदद की थी। माल्या पर आरोप था कि वे बैंकों के करीब 9 हजार करोड़ रूपए बिना दिए ही स्वदेश चले गए। इस मामले में जमकर हंगामा हुआ था। उनकी कंपनी किंगफिशर के माध्यम से उनसे करीब 6203 करोड़ रूपए की वसूली किए जाने के निर्देश बंगलूर की एक पीठ ने दिए थे।
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