लखनऊ: उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद के रूप में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी नीरज शेखर सोमवार को निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. नामांकन वापसी की समय अवधि समाप्त होने के बाद नीरज शेखर को राज्यसभा उपचुनाव में सांसद घोषित किया गया. दरअसल, दूसरे किसी प्रत्याशी ने राज्यसभा उपचुनाव के लिए नामांकन नहीं किया था.
14 अगस्त को नीरज शेखर ने भाजपा प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया था. समाजवादी पार्टी (सपा) छोड़कर भाजपा में शामिल हुए नीरज शेखर ने बीती 15 जुलाई को राज्यसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था. वहीं, निर्विरोध निर्वाचित होने के बाद अब नीरज शेखर फिर से राज्यसभा सदस्य बन गए हैं, उनका कार्यकाल 25 नवंबर, 2020 को समाप्त होगा. बता दें कि नीरज शेखर के अपने पिता और पूर्व पीएम चंद्रशेखर के निधन के बाद हुए उपचुनाव में जीतकर पहली बार सांसद बने थे.
2009 में भी वह संसद पहुंचे थे किन्तु, 2014 में मोदी लहर के बीच उन्हें शिकस्त का सामना करना पड़ा था. हालांकि, उन्हें समाजवादी पार्टी (सपा) ने राज्यसभा सांसद बना दिया था. आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में सपा की तरफ से टिकट न मिलने से वह नाराज थे और उन्होंने चुनाव में भाजपा को जिताने के लिए प्रचार किया था.
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