नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2014 से केंद्र की सत्ता में काबिज है। इस दौरान पार्टी को कॉर्पोरेट और निजी रूप से सबसे ज्यादा चंदा दिया गया है। चुनाव आयोग (EC) को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में पार्टी ने कहा है कि वर्ष 2019-20 में, भाजपा को कंपनियों और व्यक्तियों से तक़रीबन 750 करोड़ रुपये का चंदा प्राप्त हुआ है। यह कांग्रेस पार्टी को मिले (139 करोड़ रुपये) से तक़रीबन पांच गुना अधिक है।
वहीं, समान अवधि में NCP को 59 करोड़ रुपये, TMC को 8 करोड़ रुपये, CPIM को 19.6 करोड़ रुपये और CPI को 1.9 करोड़ रुपये चंदा मिला है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भाजपा को चंदा देने वालों में सांसद राजीव चंद्रशेखर की जुपिटर कैपिटल, ITC ग्रुप, रियल एस्टेट कंपनियां मैक्रोटेक डेवलपर्स और बीजी शिर्के कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी, प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट और जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट मुख्य हैं। भाजपा को प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट से 217.75 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट से 45.95 करोड़, ज्यूपिटर कैपिटल से 15 करोड़, ITC से 76 करोड़, लोढ़ा डेवलपर्स से 21 करोड़, गुलमर्ग डेवलपर्स से 20 करोड़ का चंदा प्राप्त हुआ है।
बता दें कि चुनावी ट्रस्ट एक धारा 25 कंपनी है जो मुख्य रूप से कॉर्पोरेट घरानों से स्वैच्छिक चंदा प्राप्त करती है और उन्हें सियासी दलों को वितरित करती है। यह राजनीतिक योगदान करते हुए चंदा देने वालों का नाम गोपनीय रखती है। प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट के मुख्य दाताओं के रूप में भारती एंटरप्राइजेज, GMR एयरपोर्ट डेवलपर्स और DLF लिमिटेड शामिल हैं। जनकल्याण इलेक्टोरल ट्रस्ट को JSW ग्रुप की कंपनियों से फंड प्राप्त होता है।
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